रिपोर्ट 🔹मुहम्मद इसरार खान
मुरैना/मप्र। मुरैना जिले की जौरा तहसील में स्थित जैन हाई स्कूल के संचालक पर प्रशासन के आदेश का उल्लंघन करने का आरोप लग रहे हैं। जब मुरैना कलेक्टर अंकित अस्थाना ने मुरैना जिले में भारी बारिश और गिरती दीवारों के चलते सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूलों का अवकाश घोषित किया, तब भी जैन हाई स्कूल में कक्षाएं जारी देखी जा रही हैं।
आदेश का अवहेलना: वास्तविकता और विवाद
मुरैना कलेक्टर के पास इस बात का पूरा जवाबदेही थी कि बारिश के चलते विद्यालय परिसर की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। लेकिन जैन हाई स्कूल के संचालक, लखन जैन, का यह कदम अधिकारियों के लिए चिंता का विषय बन गया है। संबंधित सूत्रों के अनुसार, कलेक्टर अंकित अस्थाना और जिला शिक्षा अधिकारी ने स्पष्ट आदेश जारी किए थे, जिससे कि विद्यार्थियों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
“अगर इस दौरान कोई हादसा हो जाता है, तो मासूम बच्चों की जान जोखिम में पड़ सकती है,” ऐसे ही एक सूत्र ने कहा। विद्यालय में कक्षाएं जारी होने से न केवल प्रशासनिक आदेश की अवहेलना हो रही है, बल्कि जोखिम के साथ बच्चों की सुरक्षा पर भी आंधी दौड़ गई है।
स्थिति का गंभीर स्वरूप
बारिश के चलते स्कूल की बिल्डिंग और दीवारों में गिरावट आई है। ऐसा संकेत मिलता है कि अगर घटनाक्रम की दिक्कतें बनी रहीं, तो किसी भी आकस्मिक दुर्घटना में बच्चों की जान भी जोखिम में पड़ सकती है। प्रशासनिक आदेश का उल्लंघन करते हुए, स्कूल परिसर में कक्षाओं का संचालन जारी रहे, जिससे यह सवाल उठता है कि क्या अन्य प्राइवेट स्कूल भी इसी मनमानी का हिस्सा हैं।
सूत्रों की जानकारी के अनुसार, दूरदराज के गांवों में भी इसी प्रकार के स्कूल संचालित किए जा रहे हैं, जिससे यह प्रतीत होता है कि प्रशासनिक आदेश केवल दिखावे के लिए ही जारी किए गए हैं।
प्रशासन की प्रतिक्रिया और आने वाली कार्रवाई
मुरैना जिले के प्रशासन ने इस मामले पर कड़ा रुख अपनाने का संकेत दिया है। जब अपर कलेक्टर सी.बी. प्रसाद से इस विषय पर बातचीत हुई, तो उन्होंने कहा कि इस उल्लंघन पर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। जिला शिक्षा अधिकारी को भी निर्देश दिया गया है कि प्राइवेट स्कूलों की मान्यता तुरंत रद्द करने पर विचार किया जाए।
“प्राइवेट स्कूल संचालक प्रशासन के आदेश को अनदेखा कर रहे हैं, जिससे बच्चों की सुरक्षा पर प्रत्यक्ष प्रहार हो सकता है,” सी.बी. प्रसाद ने स्पष्ट करते हुए कहा। यह बयान प्रशासनिक दबाव को बढ़ाता है और इस मामले में आने वाले कदमों की सख्ती को दर्शाता है।
समुदाय और अभिभावकों की प्रतिक्रिया
समाचार पोर्टलों और स्थानीय समुदाय में इस मामले पर मिलेजुले विचार सामने आए हैं। कई अभिभावक इस कदम की कड़ी निंदा कर रहे हैं और प्रशासन से तत्काल प्रभाव से कार्यवाही की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि:
📍“अगर इस समय बच्चों को सुरक्षित वातावरण प्रदान नहीं किया गया, तो बाद में गंभीर हादसे की संभावना बढ़ जाती है।”
📍“प्रशासनिक आदेश का उल्लंघन करना बच्चों की जान के साथ खिलवाड़ करना है।”
जैन हाई स्कूल जौरा के इस मामले ने प्रशासनिक आदेश के महत्व और बच्चों की सुरक्षा पर उठते सवालों को उजागर कर दिया है। प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा इस उल्लंघन पर कठोर कार्रवाई की जाने की संभावना है। मुरैना जिले में अब यह देखना होगा कि प्रशासन इस मामले को कैसे नियंत्रित करता है और भविष्य में ऐसे मामलों से कैसे निपटता है।
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