मुरैना/मप्र। जिले में अवमानक एवं प्रतिबंधित कफ सिरप की बिक्री रोकने के लिए मेडिकल स्टोरों की लगातार जांच की जा रही है। कोल्ड्रिफ कफ सिरप के सेवन से प्रदेश में पीडियाट्रिक आयु समूह, यानी दो-तीन साल से छोटे बच्चों की मौत के बाद, सभी कफ सिरप की जांच निरंतर जारी है। औषधि परीक्षण प्रयोगशाला में जांच के दौरान अमानक पाए जाने के बाद कोल्ड्रिफ और रिलाइफ कफ सिरप की बिक्री रोकने के लिए प्रदेश के नियंत्रक खाद्य एवं औषधि प्रशासन के आदेश पर जिले में सघन जांच अभियान चलाया जा रहा है।
इसी क्रम में, अनुविभागीय अधिकारी जौरा एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के मार्गदर्शन में औषधि निरीक्षक श्री बी.एल. बिरधरिया ने जौरा क्षेत्र के मेडिकल संस्थानों का निरीक्षण किया। इनमें मेसर्स राज मेडिकल स्टोर और नरेंद्र मेडिकल एजेंसी शामिल हैं। साथ ही, सबलगढ़ तहसील क्षेत्र के गुरुकृपा मेडिकल और मां अन्नपूर्णा मेडिकल की भी जांच की गई। इस दौरान सिविल अस्पताल सबलगढ़ के बीएमओ डॉ. रेवानंद शर्मा उपस्थित थे।
जांच में पाया गया कि मुरैना जिले में प्रतिबंधित कोल्ड्रिफ और रिलाइफ कफ सिरप की सप्लाई नहीं हुई है, इसलिए किसी भी मेडिकल संस्थान पर ये प्रतिबंधित औषधियां नहीं मिलीं। मेडिकल स्टोरों का नियमित निरीक्षण जारी है, और प्रतिबंधित दवाओं के समान कॉम्बिनेशन वाली अन्य दवाओं के सैंपल परीक्षण के लिए औषधि परीक्षण प्रयोगशाला, भोपाल भेजे जा रहे हैं। इससे किसी भी अप्रिय घटना को समय रहते रोका जा सके।
मेडिकल संस्थानों को औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम 1940 और नियमावली 1945 के प्रावधानों के अनुसार संचालन करने के निर्देश दिए गए हैं। नियमों का उल्लंघन करने पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी गई है। साथ ही, 4 साल से छोटे बच्चों के लिए दवाओं पर लिखी चेतावनी को चेक करने के बाद ही चिकित्सीय परामर्श पर परिजनों को दवा देने की सलाह दी गई है।
आमजन से अपील की गई है कि बिना चिकित्सीय परामर्श के दवाइयों का सेवन न करें। अवमानक एवं प्रतिबंधित औषधियों के संबंध में औषधि निरीक्षक, मुरैना द्वारा जांच कार्य निरंतर जारी है, और यह अभियान आगे भी चलेगा।
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जिला ब्यूरो चीफ, मुरैना – मुहम्मद इसरार खान