आगरा: इंसान भले ही आधुनिक तकनीक के शिखर पर पहुँच जाए, लेकिन प्रकृति के आगे हर बार उसकी शक्ति सीमित साबित होती है। आगरा ज़िले के किरावली तहसील के बाकंदा खास गांव में शुक्रवार को हुए दर्दनाक हादसे ने यही दिखा दिया। पांच वर्षीय रेहांश, जो खेलते-खेलते खेत के पास बने कुएं में गिर गया था, घंटों की मशक्कत के के बाद शव को निकला बाहर।
कुएं में गिरा मासूम, गांव में पसरा मातम
घटना शुक्रवार सुबह करीब 11 बजे की है। किसान गोपाल सिंह खेत में आलू की बुवाई कर रहे थे, तभी उनका बेटा रेहांश खेलते-खेलते कुएं की ओर चला गया। गोपाल ने जैसे ही उसे देखा, रोकने के लिए दौड़े, लेकिन तब तक रेहांश का पैर फिसल गया और वह करीब 40 फीट गहरे कुएं में जा गिरा। आसपास के ग्रामीणों ने पुलिस को सूचना दी और तुरंत रेस्क्यू शुरू किया, मगर अथाह जलराशि ने सबकी कोशिशों को नाकाम कर दिया। लेकिन हार नही मानी और शव को कुए से बाहर निकल लिया गया।

फायर सर्विस, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें भी दिखीं बेबस
मौके पर पहुंची पुलिस, फायर सर्विस, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों ने अथक प्रयास किया। सीढ़ियों और रस्सियों की मदद से जवान कुएं में उतरे, लेकिन पानी और कीचड़ के कारण कोई भी बच्चे तक नहीं पहुंच सका। कई घंटों की मशक्कत के बाद बच्चे को बाहर निकाला।
तीन ट्रैक्टर, दो पंपसेट — लेकिन पानी खत्म नहीं हुआ
रेस्क्यू टीम ने रणनीति बदली। कुएं का पानी पंपसेट से निकालना शुरू किया गया। तीन ट्रैक्टर और दो पंपसेट लगातार चलते रहे, लेकिन जितना पानी निकाला गया, उससे अधिक पानी फिर कुएं में भर गया। कहा जा रहा है कि कुएं का जलस्तर खारी नदी से जुड़ा है, इसलिए यह कभी सूखता नहीं। ग्रामीण इसे “जलदरिया कुआं” कहते हैं।
खेतों में भर गया पानी, पर किसी ने शिकायत नहीं की
लगातार पानी निकालने से आसपास के खेत जलमग्न हो गए हैं।
इसके बावजूद किसी किसान ने शिकायत नहीं की — सभी की एक ही प्राथमिकता है: “रेहांश को बाहर निकालना।”
अब प्रशासन ने तय किया है कि कुएं से नदी तक अस्थायी नाला बनाकर पानी छोड़ा जाएगा, ताकि रेस्क्यू आसान हो सके।
प्रकृति बनाम मानव का द्वंद्व
यह हादसा सिर्फ एक बचाव अभियान नहीं, बल्कि प्रकृति और मानव के बीच संघर्ष की मिसाल बन गया है।
हर तकनीक, हर मशीन कोशिश कर रही है, लेकिन जल की अथाह गहराई अब तक जीतती दिख रही है।
फिर भी टीमें लगातार जुटी हुई हैं — उम्मीद अब भी बाकी है।
गांव में मातम, परिवार बेहाल
मौके पर विधायक चौधरी बाबूलाल, ब्लॉक प्रमुख गुड्डू चाहर समेत कई जनप्रतिनिधि मौजूद हैं।
हजारों ग्रामीण रेस्क्यू साइट पर खड़े हैं। वहीं, रेहांश के पिता गोपाल सिंह बार-बार खुद को कोस रहे हैं कि वे अपने बच्चे को अपनी आंखों के सामने नहीं बचा पाए। #अपडेट के लिए बने रहे जिला नजर न्यूज़ नेटवर्क के साथ