शाहजहांपुर : उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले की पुवायां तहसील में एक अनोखी घटना ने सभी का ध्यान खींचा है। यहां नवागत ट्रेनी IAS और SDM रिंकू सिंह राही ने वकीलों के आंदोलन को शांत करने के लिए मंच पर कान पकड़कर उठक-बैठक लगाई, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। यह घटना तब हुई जब एक अधिवक्ता के साथ हुए विवाद ने तूल पकड़ लिया।
पुवायां तहसील में पिछले तीन दिनों से EWS (आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग) प्रमाण पत्र को लेकर SDM और तहसीलदार के बीच चल रहा विवाद गहराता जा रहा था। इस मुद्दे पर वकील धरना-प्रदर्शन कर रहे थे। इसी बीच, जिला प्रशासन ने पूर्व SDM चित्रा निर्वाल को हटाकर ट्रेनी IAS रिंकू सिंह को नया SDM नियुक्त किया। रिंकू सिंह ने सोमवार रात को पदभार ग्रहण किया और मंगलवार को तहसील परिसर का निरीक्षण शुरू किया।
निरीक्षण के दौरान SDM को एक अधिवक्ता का मुंशी दीवार पर पेशाब करता दिखा। इस पर रिंकू सिंह ने कड़ी आपत्ति जताई और मुंशी से कान पकड़कर उठक-बैठक करवाई। उन्होंने कहा कि तहसील परिसर में शौचालय उपलब्ध हैं और स्वच्छता का ध्यान रखना जरूरी है।
लेकिन इस घटना की खबर वकीलों के धरना स्थल पर पहुंची, जिससे उनका गुस्सा भड़क गया। अधिवक्ताओं ने तहसील के शौचालयों की गंदगी का हवाला देते हुए SDM के रवैये का विरोध किया। एक अधिवक्ता ने तो यह तक कहा, “मैं जनेऊधारी ब्राह्मण हूं, गंदे शौचालय में नहीं जा सकता।”
विवाद बढ़ता देख SDM रिंकू सिंह धरना स्थल पर पहुंचे और वकीलों से शांति की अपील की। उन्होंने मंच पर खड़े होकर कहा, “मैं इस तहसील का सबसे बड़ा अधिकारी हूं। अगर मेरी किसी बात से आपको ठेस पहुंची हो, तो मैं माफी मांगता हूं।” इसके बाद उन्होंने खुद कान पकड़कर पांच बार उठक-बैठक लगाई। इस अनोखे कदम से वकीलों का गुस्सा शांत हुआ और स्थिति नियंत्रण में आई।
SDM के इस कदम पर लोगों की मिली-जुली प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। कुछ लोग इसे अनुशासन और जवाबदेही का उदाहरण मान रहे हैं, तो कुछ इसे अपमानजनक बता रहे हैं। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में रिंकू सिंह को वकीलों से घिरे हुए और माफी मांगते हुए देखा जा सकता है। उन्होंने यह भी वादा किया कि भविष्य में ऐसी स्थिति से बचने के लिए वह सावधानी बरतेंगे।
इस घटना ने तहसील परिसर में स्वच्छता और प्रशासनिक जवाबदेही जैसे मुद्दों को फिर से चर्चा में ला दिया है। प्रशासन ने शौचालयों की सफाई के लिए तत्काल कदम उठाने का आश्वासन दिया है। वहीं, वकील समुदाय इसे अपने सम्मान का मुद्दा बता रहा है, जबकि प्रशासन इसे एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना मान रहा है।
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