आगरा: उत्तर प्रदेश के आगरा जिले के थाना बरहन क्षेत्र के नगला बरी गांव में एक दिल दहला देने वाली घटना ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी। बाजरे की फसल काटने के दौरान एक मजदूर महिला ने अपनी डेढ़ माह की मासूम बेटी को खेत में लिटा दिया था। तभी एक जंगली जानवर ने मौका देखकर बच्ची को उठा लिया। घंटों की तलाश के बाद जंगल में केवल उसका सिर और हाथ मिला, जिसे परिजनों ने दफना दिया। घटना से गांव में दहशत का माहौल है, और ग्रामीण वन विभाग से तत्काल कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
घटना का पूरा विवरण
नगला बरी गांव निवासी सुबोध कुमार की पत्नी (नाम अज्ञात) मंगलवार दोपहर बाजरे की कटाई में जुटी हुई थीं। गरीबी के कारण उन्हें मजदूरी करनी पड़ती है। अपनी सात वर्षीय बड़ी बेटी और डेढ़ माह की नवजात को साथ ले गईं, जहां दोनों को खेत के किनारे लिटा दिया। महिला ने बताया, “मैं फसल काट रही थी, तभी अचानक एक जंगली जानवर आया और छोटी बेटी को मुंह में दबाकर जंगल की ओर भाग गया।”
कुछ देर बाद जब महिला ने बच्ची को जगाने की कोशिश की, तो वह गायब थी। परिजनों ने पूरे खेत और आसपास के इलाके में तलाश शुरू की। घंटों की मशक्कत के बाद जंगल के किनारे बच्ची का सिर और एक हाथ क्षत-विक्षत हालत में पड़ा मिला। दृश्य इतना भयावह था कि परिजन सदमे में थे। सुबोध कुमार ने रोते हुए कहा, “हमारी तो दुनिया ही उजड़ गई। इतनी छोटी बच्ची… कौन सा जानवर इतना क्रूर है?” परिजनों ने सिर और हाथ को दफना दिया, क्योंकि शव का बाकी हिस्सा कहीं नहीं मिला।
गांव में दहशत और ग्रामीणों का आक्रोश
घटना की खबर फैलते ही गांव में सन्नाटा छा गया। ग्रामीणों का कहना है कि नगला बरी और आसपास के जंगलों में जंगली जानवरों का आतंक बढ़ गया है। कभी-कभी भेड़िए या लकड़बग्घे फसलों के बीच घुस आते हैं। एक बुजुर्ग ने बताया, “रात में बच्चे घर के बाहर नहीं खेल पाते। वन विभाग को बार-बार शिकायत की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं।” ग्रामीणों ने थाना बरहन पर धरना देने की धमकी दी है।
आगरा जिले में ऐसी घटनाएं नई नहीं हैं। अगस्त 2025 में बाह क्षेत्र के नौगवां गांव में एक तेंदुए ने तीन साल की बच्ची पर हमला किया था, लेकिन मां के साहस से वह बच गई। वहीं, बहराइच जैसे जिलों में भेड़ियों का आतंक 2025 में कई बच्चों की जान ले चुका है। विशेषज्ञों का मानना है कि जलवायु परिवर्तन और जंगलों की कमी से जानवर मानव बस्तियों में घुस रहे हैं।
प्रशासन की प्रतिक्रिया
थाना बरहन की पुलिस ने मौके पर पहुंचकर पंचनामा किया और वन विभाग को सूचना दी। वन अधिकारी ने बताया कि जंगल में स्निफर डॉग और कैमरे लगाकर जांच की जा रही है। संभावना है कि यह भेड़िया या कोई अन्य मांसाहारी जानवर हो। जिलाधिकारी ने परिजनों को आर्थिक सहायता और सुरक्षा उपायों का आश्वासन दिया है। ग्रामीणों से अपील की गई है कि रात में अकेले न घूमें और बच्चों को निगरानी में रखें।