रिपोर्ट 🔹सुशील गुप्ता

फतेहाबाद (आगरा)। रक्षाबंधन का त्योहार नज़दीक आते ही फतेहाबाद क्षेत्र में मिलावटखोरों की चांदी हो गई है। ग्रामीण इलाकों में बड़े पैमाने पर पाउडर और केमिकल से मिलावटी मेवा, पनीर, दूध और मिठाइयाँ तैयार की जा रही हैं, जिन्हें आगरा, फिरोजाबाद और शिकोहाबाद की मंडियों और हलवाइयों की दुकानों तक धड़ल्ले से सप्लाई किया जा रहा है।

स्थानीय लोगों का कहना है कि मिलावटी खोवा, पनीर और दूध के कारोबार ने रफ्तार पकड़ ली है, लेकिन खाद्य सुरक्षा विभाग और प्रशासन पूरी तरह बेखबर हैं। खुलेआम चल रहे इस कारोबार ने उपभोक्ताओं की सेहत को गंभीर खतरे में डाल दिया है।

ग्रामीण इलाकों में बना मिलावटी हब

सूत्रों के मुताबिक, ग्रामीण क्षेत्रों में घर-घर में केमिकल मिलाकर नकली दूध बनाया जा रहा है, जिसे डेयरियों और मिठाई की दुकानों पर भेजा जा रहा है। खोवा और पनीर में भी मिलावट का खेल बड़े पैमाने पर चल रहा है। पाउडर से बने इन नकली उत्पादों का सेवन त्योहारों पर लोगों के लिए जानलेवा साबित हो सकता है।

जानलेवा बीमारियों का खतरा

स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे मिलावटी उत्पादों का सेवन करने से फूड प्वाइजनिंग, पेट संबंधी रोग और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।

प्रशासन की चुप्पी

हैरानी की बात यह है कि रक्षाबंधन जैसे बड़े त्योहार से पहले मिलावटखोरों के खिलाफ अब तक कोई बड़ी कार्रवाई नहीं हुई है। खाद्य सुरक्षा विभाग और औषधि प्रशासन की निष्क्रियता ने सवाल खड़े कर दिए हैं। लोगों का कहना है कि विभाग किसी बड़ी अनहोनी का इंतजार कर रहा है।

स्थानीय लोगों की मांग

ग्रामीणों और उपभोक्ताओं ने प्रशासन से तत्काल छापेमारी कर मिलावटखोरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है, ताकि त्योहार पर लोग बेफिक्र होकर मिठाइयों का स्वाद ले सकें।


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