आगरा: उत्तर भारत की ऐतिहासिक रामलीला में गुरुवार से मंचीय लीलाओं का आगाज हो गया। इस बार मुरादाबाद की कार्तिकेय संस्था द्वारा आयोजित रामलीला में कई नए प्रयोग देखने को मिल रहे हैं। पहली बार महिला पात्रों को महिलाएं निभा रही हैं, और राधेश्याम रामायण से हटकर डॉ. पंकज दर्पण अग्रवाल की स्वरचित मौलिक रामलीला का मंचन हो रहा है। उन्होंने 16 विभिन्न रामायणों का अध्ययन कर मर्यादा पुरुषोत्तम राम की गरिमा और आधुनिक संदर्भ में रामायण की सार्थकता को ध्यान में रखकर लीलाओं का स्वरूप तैयार किया है।
श्री रामलीला कमेटी ने इस साल मंचन की जिम्मेदारी कार्तिकेय संस्था को सौंपी है। संस्था के डॉ. पंकज दर्पण अग्रवाल, जो पिछले 50 वर्षों से रामलीला से जुड़े हैं, ने बताया कि रामानंद सागर की रामायण इस मंचन का मुख्य आधार है। संवाद प्लेबैक में होंगे, और पात्रों के परिधान, शृंगार और अंदाज में नयापन झलकेगा।
सात राज्यों के कलाकारों का अभिनय
इस बार रामलीला में सात राज्यों—उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार, हरियाणा, महाराष्ट्र, पंजाब और छत्तीसगढ़—के कलाकार हिस्सा ले रहे हैं। राम का किरदार आगरा के शोभित शर्मा और सीता का किरदार मनु शर्मा निभा रही हैं। वहीं, रावण का किरदार काशी के अभिनव मिश्रा निभा रहे हैं, जो संस्कृत आचार्य हैं और वेब सीरीज मिर्जापुर में अभिनय कर चुके हैं।
राम और सीता के किरदार निभाने वालों की भावनाएं
आगरा के शोभित शर्मा ने बताया कि राम का किरदार निभाना उनके लिए भगवान का आशीर्वाद है। उन्होंने पिछले 4-5 साल से इस किरदार के लिए प्रयास किया था और हाल ही में अयोध्या की रामलीला में भी राम की भूमिका निभाई। वहीं, सीता का किरदार निभा रहीं मनु शर्मा, जो आठ साल से रंगमंच से जुड़ी हैं, ने कहा कि शहर की रामलीला में सीता की भूमिका निभाने वाली पहली महिला होना उनके लिए गर्व की बात है। गुरुवार को उन्होंने विश्वमोहिनी और माता लक्ष्मी की भूमिका भी निभाई।
रावण का किरदार: संस्कृत आचार्य की प्रस्तुति
रावण की भूमिका निभाने वाले अभिनव मिश्रा ने कहा कि रावण प्रकांड विद्वान था, और यह किरदार निभाना उनके लिए सम्मान की बात है। उनकी संस्कृत में धारा प्रवाह संवाद शैली और अट्टहास दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर रहा है। इस नवीन प्रयोगों से सजी रामलीला दर्शकों के बीच उत्साह का केंद्र बनी हुई है।