मथुरा: ठाकुर श्री बांकेबिहारीजी मंदिर में श्रद्धालुओं की सुविधा और व्यवस्था को बेहतर बनाने के उद्देश्य से सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित हाई पावर मैनेजमेंट कमेटी की महत्वपूर्ण बैठक शनिवार को मंदिर प्रांगण में संपन्न हुई। बैठक में सेवायतों से जुड़े मुद्दों से लेकर दर्शन व्यवस्था तक कई अहम निर्णय लिए गए, जिससे सेवायत समुदाय में हड़कंप मच गया है। कमेटी ने VIP दर्शन पर्ची को पूरी तरह समाप्त करने, सेवायतों के सहयोगियों पर पाबंदी लगाने और प्रवेश-निकास की प्रक्रिया को व्यवस्थित करने जैसे कदम उठाए हैं। यह बदलाव मंदिर में भारी भीड़ और अवैध वसूली की शिकायतों के बाद उठाए गए हैं, जो लाखों श्रद्धालुओं के लिए राहत की बात है।
बैठक की अध्यक्षता इलाहाबाद हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति अशोक कुमार ने की, जिन्हें सुप्रीम कोर्ट ने अगस्त 2025 में गठित इस अंतरिम कमेटी का प्रमुख बनाया था। कमेटी में जिला एवं सत्र न्यायाधीश (सेवानिवृत्त) मुकेश मिश्रा, वर्तमान जिला एवं सत्र न्यायाधीश विकास कुमार, जिलाधिकारी चंद्र प्रकाश सिंह तथा गोस्वामी राजभोग व शयन भोग समूह के सदस्य उपस्थित थे। बैठक के दौरान गेट नंबर 2 और 3 का स्थलीय निरीक्षण भी किया गया। विशेषज्ञों का मानना है कि ये फैसले मंदिर प्रबंधन को पारदर्शी और समावेशी बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण हैं, खासकर जब मंदिर में प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं।
मुख्य निर्णय: दर्शन व्यवस्था में क्रांतिकारी बदलाव
कमेटी ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुगम दर्शन सुनिश्चित करने के लिए कई कदम उठाए। यहां प्रमुख फैसलों की झलक:
- प्रवेश और निकास की नई व्यवस्था: प्रत्येक द्वार (गेट 2 और 3) पर तीन-तीन लाइनें बनाई जाएंगी, जिनमें रेलिंग लगाई जाएगी। दर्शन के बाद श्रद्धालु इन्हीं मार्गों से बाहर निकलेंगे, जिससे कुल छह लाइनों के माध्यम से प्रक्रिया सुगम होगी। इससे जाम की समस्या कम होगी और दर्शन अधिक व्यवस्थित बनेगा। यह बदलाव तत्काल प्रभाव से लागू होगा।
- आरक्षित दर्शन क्षेत्र में सख्ती: मंदिर परिसर में पुरुषों और महिलाओं के लिए अलग-अलग आरक्षित क्षेत्र हैं, लेकिन पहले लोग बिना पालन के घुस जाते थे। अब मंदिर प्रशासन और पुलिस द्वारा कड़ाई से पालन कराया जाएगा—महिला क्षेत्र में केवल महिलाएं और पुरुष क्षेत्र में केवल पुरुष। उल्लंघन पर कार्रवाई होगी, जो महिलाओं की सुरक्षा को मजबूत करेगा।
- सेवायतों के सहयोगियों पर पाबंदी: कई सेवायत (गोस्वामी) अपने साथ 10-15 सहयोगियों को रखते थे, जो श्रद्धालुओं से अवैध पैसे वसूलते थे। कमेटी ने सख्त निर्देश दिए कि अब प्रत्येक सेवायत केवल एक या दो सहयोगियों को ही रख सकेगा, और उनकी पूरी जानकारी समिति को देनी होगी। यह व्यवस्था 2-3 दिनों में लागू हो जाएगी, जिससे अवैध वसूली पर पूर्ण रोक लगेगी। सेवायत समुदाय में इस फैसले से असंतोष है, लेकिन कमेटी ने इसे मंदिर की पवित्रता बनाए रखने के लिए जरूरी बताया।
- VIP दर्शन पर्ची अब इतिहास: सबसे चर्चित निर्णय VIP दर्शन पर्ची को पूरी तरह समाप्त करने का है। अध्यक्ष अशोक कुमार ने कहा कि इससे अवैध वसूली रुक जाएगी, क्योंकि पहले एक दिन में 1000-1200 पर्चियां जारी हो रही थीं। हालांकि, सरकारी VIP प्रोटोकॉल (जैसे उच्च अधिकारियों के लिए) पूर्ववत रहेगा। मंदिर परिसर में बने VIP कटघरे को भी हटा दिया जाएगा। संत समाज ने इसकी सराहना की है, कहा कि इससे सभी श्रद्धालु समान हैं। यह फैसला पिछली प्रबंध समिति की मिलीभगत पर सवाल उठाता है।
- श्रद्धालुओं से अपील: अध्यक्ष ने दर्शन के दौरान शीघ्र आगे बढ़ने और दूसरों को जगह देने की अपील की। मंदिर प्रबंधन सभी के लिए सुरक्षित दर्शन सुनिश्चित करने को प्रतिबद्ध है। इसके अलावा, दर्शन समय में बदलाव (गर्मियों में सुबह 7:15 से 12:30 तक, शाम 4:15 से 9:30 तक) और लाइव स्ट्रीमिंग की शुरुआत भी की गई है।
वाहनों पर कार्रवाई: जाम कम करने का प्रयास
बैठक के दौरान मंदिर मार्ग का निरीक्षण किया गया, जहां कई दुपहिया वाहन बेतरतीब खड़े मिले। अध्यक्ष ने तुरंत पुलिस को चालान करने के निर्देश दिए, जिससे दर्जनों वाहनों पर कार्रवाई हुई। पुलिस ने स्पष्ट किया कि गलियों में अवैध पार्किंग से जाम होता है, इसलिए सख्ती बरती जा रही है। इसके साथ ही, मंदिर सिक्योरिटी में प्राइवेट गार्ड्स को बदलकर रिटायर्ड सैनिकों वाली एजेंसी लाई जाएगी।
पृष्ठभूमि और प्रभाव
यह कमेटी सुप्रीम कोर्ट के 9 अगस्त 2025 के आदेश पर बनी है, जो इलाहाबाद हाईकोर्ट के यूपी सरकार के अध्यादेश पर फैसले तक मंदिर का प्रबंधन संभालेगी। पहले की बैठकों (11-12 सितंबर) में भी दर्शन समय बढ़ाने और तोशखाना (खजाना कक्ष) को 54 साल बाद खोलने जैसे फैसले लिए गए थे। ये बदलाव मंदिर की संपत्ति ऑडिट और स्ट्रक्चरल जांच से जुड़े हैं। श्रद्धालु इसे सकारात्मक मान रहे हैं, लेकिन सेवायतों का विरोध जारी है। मथुरा प्रशासन ने कहा कि सभी फैसलों का पालन सुनिश्चित किया जाएगा।
- रिपोर्ट – राहुल गौड़