रिपोर्ट🔹अजय कुमार सिंह कुशवाहा
इटावा। गुरुवार को हुई मूसलाधार बारिश ने इटावा शहर की व्यवस्थाओं की पोल खोल दी। दिनभर की झमाझम बारिश ने सड़कें तालाब में तब्दील कर दीं, निचले इलाकों में जलभराव से लोग अपने ही घरों में कैद हो गए।
सुबह साढ़े पाँच बजे शुरू हुई बारिश का सिलसिला शाम को फिर तेज़ हो गया। नतीजा—मैनपुरी अंडर ब्रिज में इतना पानी भर गया कि सैफई मेडिकल कॉलेज के स्टूडेंट्स और टीचर्स की बस वहीं फँस गई। नगर पालिका कर्मचारियों और अधिकारियों को बस निकालने में घंटों की कड़ी मशक्कत करनी पड़ी।
अंडर ब्रिज पर यातायात बंद होते ही सारा दबाव गुरु तेग बहादुर ओवरब्रिज पर आ गया, जिससे पूरे इलाके में भीषण जाम लग गया। हालात ऐसे रहे कि वाहनों की लंबी कतारें देर रात तक रेंगती रहीं।
बिजली-पानी दोनों ने बढ़ाई परेशानी
लाइनपार स्थित फ्रेंड्स कॉलोनी के पावर हाउस में पानी भरने से कई मोहल्लों की बिजली घंटों गुल रही। वहीं पुराना शहर के छिपैटी मोहल्ले में तेज बारिश के चलते भाजपा नेता पं. शशि मोहन चौधरी का मकान धराशायी हो गया। हादसे में उनका कीमती सामान मलबे के नीचे दबकर बर्बाद हो गया।
हर साल की तरह इस बार भी बारिश ने लाइनपार को टापू में बदल दिया। दशकों बाद भी नालों की सफाई और जलनिकासी की समस्या का स्थाई समाधान नहीं किया जा सका। चौंकाने वाली बात यह है कि इस इलाके में पूर्व मुख्यमंत्री, सांसद, विधायक और कई नौकरशाहों के निवास हैं, फिर भी यहां की बदहाली जस की तस बनी हुई है।
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