नई दिल्ली। लोकसभा में ‘वंदे मातरम्’ के 150 वर्ष पूरे होने पर हुई विशेष चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन के बाद विपक्ष ने सरकार पर तीखे हमले किए। कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई के वक्तव्य के तुरंत बाद समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष व सांसद अखिलेश यादव ने सत्ता पक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा को “दूसरों के महापुरुषों को अपनाने की आदत” है।
अखिलेश यादव ने कहा कि सत्ता पक्ष का रवैया ऐसा दिखता है मानो वंदे मातरम् उन्हीं का बनाया हुआ गीत हो। उन्होंने दावा किया कि भाजपा के गठन के समय भी इस बात पर बहस हुई थी कि पार्टी समाजवाद की राह अपनाएगी या नहीं, और बाद में भाजपा नेताओं ने समाजवादी विचारों तथा जेपी की तस्वीरों को भी इस्तेमाल करना शुरू किया।
यादव ने कहा, “वंदे मातरम् सिर्फ पढ़ने के लिए नहीं बल्कि पालन करने के लिए है। जिन्होंने आजादी की लड़ाई में हिस्सा ही नहीं लिया, वे इसके महत्व को कैसे समझेंगे? ये लोग राष्ट्रवादी नहीं, बल्कि राष्ट्र-विवादी हैं।”
सपा अध्यक्ष ने आगे याद दिलाया कि अंग्रेजों ने कभी वंदे मातरम् पर प्रतिबंध लगाया था, लेकिन क्रांतिकारी पीछे नहीं हटे और इस गीत को अपने दिल-दिमाग में जिंदा रखा। उन्होंने कहा, “स्वदेशी आंदोलन भी इसी गीत ने ताकत दी थी।” भाजपा पर हमला जारी रखते हुए उन्होंने कहा कि जिस वंदे मातरम् ने आजादी की लड़ाई में सबको जोड़ा, आज के “दरारवादी लोग” उसी गीत के नाम पर देश को बांटने की कोशिश कर रहे हैं।
अखिलेश ने दावा किया कि उत्तर प्रदेश की जनता ने communal politics को वहीं समाप्त कर दिया, जहां से इसकी शुरुआत हुई थी।
इंडिगो फ्लाइट्स को लेकर भी उठाए सवाल
सत्र के दौरान अखिलेश यादव ने इंडिगो एयरलाइंस की लगातार कैंसिल हो रही फ्लाइट्स का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने सरकार से पूछा कि “इंडिगो के विमान उड़ नहीं पा रहे हैं या उड़ाए नहीं जा रहे?”
उल्लेखनीय है कि बीते कई दिनों से इंडिगो की फ्लाइट्स देशभर में बड़ी संख्या में रद्द हो रही हैं, जिससे यात्रियों को भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है। इस दौरान किराए में मनमानी वसूली की शिकायतें भी सामने आई हैं।
अखिलेश यादव के इन बयानों ने लोकसभा की बहस को और तीखा बना दिया, वहीं सत्ता पक्ष ने उनके आरोपों को चुनावी राजनीति से प्रेरित बताया।





