अलीगढ़: जिले में खाद्य पदार्थों के सैंपल भरने के नाम पर व्यापारियों का उत्पीड़न हो रहा है। इस मुद्दे को लेकर व्यापारियों ने आज कलेक्ट्रेट स्थित खाद्य सुरक्षा विभाग के कार्यालय पर पहुंचकर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने खाद्य सुरक्षा से जुड़े कानूनों में संशोधन की मांग की और मुख्य कार्यकारी अधिकारी को संबोधित 17-सूत्रीय ज्ञापन सहायक मंडलीय खाद्य सुरक्षा अधिकारी को सौंपा।

व्यापारियों ने खाद्य सुरक्षा विभाग पर अनुचित सैंपलिंग और उत्पीड़न के आरोप लगाए। संगठन के महानगर अध्यक्ष आलोक प्रताप सिंह ने कहा कि प्रशासनिक अधिकारियों को न्यायिक निर्णयक बनाया गया है, लेकिन वे तकनीकी जानकार नहीं हैं। इससे व्यापारियों को न्याय नहीं मिल पा रहा है।

जिलाध्यक्ष प्रदीप गंगा ने वार्षिक टर्नओवर की सीमा पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि वर्तमान में 12 लाख रुपये का वार्षिक टर्नओवर बहुत कम है। इसे बढ़ाकर 40 लाख रुपये किया जाना चाहिए ताकि छोटे व्यापारियों पर अनावश्यक बोझ न पड़े।

युवा जिलाध्यक्ष संतोष वार्ष्णेय ने फर्जी शिकायतों के आधार पर सैंपलिंग बंद करने की मांग की। उनका कहना था कि ऐसी प्रक्रियाएं व्यापारियों को परेशान करने का माध्यम बन गई हैं।

प्रदेश मंत्री संजीव अग्रवाल ने एनएबीएल लैब से जांच रिपोर्ट अपलोड होने के बाद भी खाद्य सुरक्षा अधिकारियों द्वारा की जाने वाली दोहरी सैंपलिंग पर रोक लगाने की मांग की। उन्होंने कहा कि यह दोहरी प्रक्रिया समय और संसाधनों की बर्बादी है।

विरोध प्रदर्शन का रूप

व्यापारियों का यह विरोध प्रदर्शन शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुआ। उन्होंने नारेबाजी की और बैनर-स्लोगन के माध्यम से अपनी बात रखी। ज्ञापन सौंपने के बाद व्यापारियों ने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं तो वे बड़े स्तर पर आंदोलन करेंगे।

प्रशासन का पक्ष

खाद्य सुरक्षा विभाग के अधिकारियों ने अभी तक इस मुद्दे पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है। हालांकि, विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सैंपलिंग प्रक्रिया उपभोक्ताओं की सुरक्षा के लिए आवश्यक है और सभी प्रक्रियाएं कानूनी रूप से सही हैं।

यह घटना अलीगढ़ के व्यापारियों की लंबे समय से चली आ रही समस्याओं को उजागर करती है। खाद्य सुरक्षा कानूनों में संशोधन की मांग व्यापार समुदाय में व्यापक समर्थन प्राप्त कर रही है। सरकार को इस पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है ताकि व्यापारियों और उपभोक्ताओं दोनों के हित सुरक्षित रहें।

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