आगरा: उत्तर प्रदेश के आगरा जिले के एत्मादपुर थाना क्षेत्र के गिजोली गांव में दो दोस्तों के बीच फोन पर हुए हंसी-मजाक ने जातीय विवाद का रूप ले लिया है। मामूली कहासुनी से शुरू हुआ यह विवाद दो अलग-अलग दिनों में दो जातियों के लोगों के बीच झगड़े में बदल गया। अवैध हथियार लहराते वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए, जिससे तनाव और बढ़ गया। ग्रामीणों ने बताया कि रामसेवक का भाई रोहित गांव के अर्जुन के साथ बाहर नौकरी करता है। 13 सितंबर की शाम को राजू और अर्जुन फोन पर बात कर रहे थे, जहां हंसी-मजाक में गाली-गलौज शुरू हो गई। इस गलतफहमी ने पूरे गांव को प्रभावित कर दिया। प्रशासन ने तनाव को देखते हुए पुलिस पिकेट तैनात कर दिया है।

13 सितंबर की शाम को गांव के राजू और अर्जुन फोन पर बात कर रहे थे। दोनों के बीच हंसी-मजाक में गाली-गलौज होने लगी। राजू ने फोन पास बैठे बलवीर को दे दिया। उधर से अर्जुन राजू को गाली दे रहा था, लेकिन बलवीर ने समझा कि वह उसे ही गाली दे रहा है। बलवीर भी जवाब देने लगा, तो अर्जुन ने फोन रोहित को दे दिया। फोन पर ही बलवीर और रोहित के बीच कहासुनी हो गई। बलवीर रोहित की शिकायत लेकर उसके घर पहुंचा, जहां रामसेवक से उसकी बहस हो गई। यह कहासुनी मारपीट में बदल गई। शनिवार को हुई इस मारपीट में रामसेवक गंभीर रूप से घायल हो गए। बचाव के लिए पहुंचे भूरी सिंह और सतेंद्र को रविवार सुबह खेत जाते वक्त आरोपियों ने घेरकर पीट दिया। दोनों अब भी अस्पताल में भर्ती हैं।

पुलिस कार्रवाई और गिरफ्तारियां

पुलिस ने 13 सितंबर को 8 लोगों के खिलाफ दो केस दर्ज किए। पहला केस घायल रामसेवक के भाई राजकुमार की तहरीर पर लाखन, अजीत, ओमवीर और बलवीर के खिलाफ दर्ज हुआ। दूसरा केस 14 सितंबर को देवेंद्र की तहरीर पर गजेंद्र, हरेंद्र, हरीबाबू और हरीश के खिलाफ लिखा गया। वीडियो में तमंचा लहराते नजर आए अजीत समेत तीन आरोपियों ओमवीर और बलवीर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। बाकी आरोपियों की तलाश जारी है। थाना प्रभारी ने बताया कि दोनों पक्षों से केस दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है। तीन आरोपियों का चालान कोर्ट में पेश कर दिया गया है।

आरोपी पक्ष का पक्ष

आरोपी पक्ष के लाखन सिंह का कहना है कि रामसेवक ने बलवीर को फोन पर गाली दी थी। इसकी शिकायत लेकर बलवीर उसके घर पहुंचा, जहां उल्टा उसके साथ मारपीट कर दी गई। पीड़ित पक्ष का आरोप है कि दबंग आरोपी लगातार राजीनामा का दबाव बना रहे हैं। सोमवार की रात गांव का माहौल फिर गरमाया। आरोप है कि एक पक्ष के चार-पांच लोग खेतों में शौच के लिए गए थे, तभी दूसरे पक्ष के लोगों ने उन्हें घेर लिया। भागकर जान बचाई, और दहशत फैलाने के लिए फायरिंग भी की गई। हालांकि, एसीपी एत्मादपुर देवेश सिंह ने कहा कि केवल कहासुनी और गाली-गलौज हुई थी, फायरिंग या मारपीट की बात सही नहीं है। गांव में एहतियातन पुलिस बल तैनात है।

तीसरे दिन भी तनाव बरकरार और अफवाहें

गिजोली गांव में विवाद तीसरे दिन (16 सितंबर) भी शांत नहीं हुआ। मामूली कहासुनी अब जातीय रंग ले चुका है। तनाव के कारण सोमवार को दिनभर अफवाहें फैलती रहीं। सोशल मीडिया पर बार-बार झूठी सूचनाएं वायरल हुईं। शाम को अफवाह फैलाई गई कि दूसरे पक्ष के लोगों ने लाठी-डंडों और फरसों से हमला कर दिया है। रात में फिर अफवाह उड़ी कि गांव में फायरिंग हुई है। सूचना पर थाना और सर्किल की पुलिस पहुंची, लेकिन मामला केवल गाली-गलौज का निकला। वायरल वीडियो में अवैध हथियार लहराने से मामले को और तूल मिला। हालात को देखते हुए बस्ती में पुलिस पिकेट तैनात है।

निष्कर्ष

गिजोली गांव का यह विवाद फोन पर हुई गलतफहमी से शुरू होकर जातीय टकराव में बदल गया है, जो सोशल मीडिया और अफवाहों से और भड़क रहा है। पुलिस की तैनाती से स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन दोनों पक्षों को शांति बनाए रखने की सलाह दी जा रही है। प्रशासन को जातीय संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए सख्त निगरानी रखनी होगी। ग्रामीणों से अपील है कि अफवाहों पर ध्यान न दें और कानून का पालन करें।

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