बस्ती। बहुजन समाज पार्टी जिलाध्यक्ष अनिल कुमार गौतम ने प्रेस को जारी एक विज्ञप्ति के माध्यम से कहा है कि दलित, जातिवादी प्रताड़ना की घटनाओं को लेकर बसपा सुप्रीमो पूर्व मुख्यमंत्री सुश्री मायावती काफी आहत हैं। उन्होने वरिष्ठ पुलिस अधिकारी वाई. पूरन कुमार द्वारा आत्महत्या कर लिये जाने के मामले में उच्च स्तरीय जांच और प्रभावी कार्यवाही की मांग किया है।
एक्स पर किये पोस्ट में सुश्री मायावती ने कहा है कि हरियाणा राज्य में आईजी रैंक के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी वाई. पूरन कुमार, जिनकी पत्नी भी स्वंय हरियाणा की वरिष्ठ आईएएस अधिकारी हैं, द्वारा जातिवादी शोषण व प्रताड़ना के कारण की गयी आत्महत्या की घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। खासकर दलित व बहुजन समाज के लोग काफी उद्वेलित हैं। यह अति-दुखद व अति-गंभीर घटना खासकर एक सभ्य सरकार के लिये शर्मनाक है और यह साबित करती है कि लाख दावों के बावजूद जातिवाद का दंश कितना अधिक खासकर शासन-प्रशासन में हावी है और सरकारें इसको रोक पाने में विफल साबित हो रही हैं। वैसे यह सब सरकार की नीयत व नीति की बात ज्यादा है।
इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना की समयबद्ध स्वतंत्र व निष्पक्ष जाँच होना चाहिये और इसके लिये दोषियों को सख्त सजा मिलनी चाहिये ताकि सभ्य समाज को शर्मिन्दा करने वाली ऐसी दर्दनाक घटनायें दोबारा कहीं ना होने पायें। हरियाणा सरकार इस घटना को पूरी संवेदनशीलता एवं गंभीरता से ले तथा इसकी भी लीपापोती करने का प्रयास ना करे तो यह उचित होगा। जाँच के नाम पर खानापूर्ति भी नहीं होनी चाहिये, जैसा कि आरोप लगने शुरू हो गये हैं। माननीय सुप्रीम कोर्ट व केन्द्र सरकार भी इस घटना का उचित संज्ञान ले तो यह बेहतर।
ऐसी घटनाओं से खाासकर उन लोगों को जरूर सीख लेनी चाहिये जो एससी, एसटी व ओबीसी आरक्षण को आर्थिक स्थिति से जोड़ कर क्रीमी लेयर की बात करते हैं, क्योंकि धन व पद पा लेने के बाद भी जातिवाद उनका पीछा नहीं छोड़ता है और हर स्तर पर जातिवादी शोषण, अत्याचार व उत्पीड़न लगातार जारी रहता है, जिसकी ताजा मिसाल हरियाणा की वर्तमान घटना है।

शिवेश शुक्ला मंडल ब्यूरो चीफ, बस्ती (जिला नज़र सोशल & प्रिंट मीडिया न्यूज़ नेटवर्क) शिवेश शुक्ला एक प्रतिबद्ध और अनुभवी पत्रकार हैं, जो पत्रकारिता में 10 वर्षों की दक्षता रखते हैं। बीते 5 वर्षों से 'जिला नज़र' में मंडल ब्यूरो चीफ पद पर कार्यरत हैं, वे निर्भीकता और निष्पक्षता के साथ जनसरोकार से जुड़ी खबरों की मुखर आवाज बने हुए हैं।

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