एटा: उत्तर प्रदेश के एटा जिले के अलीगंज थाना क्षेत्र के विजयदेपुर (विजयपुर देवपुर) गांव में बुधवार दोपहर सत्ता की पुरानी रंजिश ने खूनी रूप ले लिया। पूर्व ग्राम प्रधान जयसिंह (70 वर्ष) की लाठी-डंडों, ईंट-पत्थरों से पीट-पीटकर निर्मम हत्या कर दी गई। हत्या के बाद आक्रोशित परिजनों ने शव को अलीगंज कोतवाली के गेट पर रखकर दो घंटे तक हंगामा किया और आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की। पुलिस ने 9 लोगों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया है, जबकि चार टीमों ने फरार आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) श्याम नारायण सिंह ने परिजनों को जल्द गिरफ्तारी का आश्वासन दिया है।
घटना का विवरण: विवाद से खूनी हमला
मृतक जयसिंह, जो तीन बार गांव के प्रधान रह चुके थे, बुधवार दोपहर मोटरसाइकिल से अलीगंज से घर लौट रहे थे। रास्ते में दामाद नेत्रपाल फौजी के भूखंड की मिट्टी उठाने को लेकर वर्तमान प्रधान अमित कुमार (अमित फौजी) और उनके समर्थकों से विवाद हो गया। कहासुनी बढ़ने पर दोनों पक्षों में मारपीट शुरू हो गई। आरोप है कि अमित कुमार ने अपने साथियों के साथ मिलकर जयसिंह पर लाठी-डंडों और ईंट-पत्थरों से जानलेवा हमला कर दिया। गंभीर रूप से घायल जयसिंह को परिजन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले गए, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
मृतक के बेटे सर्वेश ने बताया कि 2021 के पंचायत चुनाव में हार के बाद से ही दोनों पक्षों में रंजिश चल रही थी। उस समय भी गोलीबारी और पथराव की घटना हो चुकी थी। मृतक के भतीजे ने कहा, “मेरे ताऊ जी को प्रधान ने पहले गाली दी, फिर ईंट से कूट-कूटकर मार डाला। हमने रोका भी, लेकिन वे नहीं माने।”
दूसरे पक्ष के बलबीर सिंह ने आरोप लगाया कि विवाद में उनके भाई शिवम को दाहिनी ओर माथे पर गोली लगी और आंख के नीचे चाकू से गहरा घाव हुआ। उनका इलाज अलीगढ़ मेडिकल कॉलेज में चल रहा है।
पुलिस कार्रवाई: 9 आरोपी, 4 टीमें लगीं
एसएसपी श्याम नारायण सिंह ने मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने बताया कि मामले में वर्तमान प्रधान अमित कुमार, श्याम सिंह, प्रेमसिंह, जितेंद्र, सौरभ, गौरव, अमन, शिवम और अंशुल के खिलाफ हत्या, मारपीट और आर्म्स एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। सभी आरोपी फरार हैं, और उनकी तलाश में चार पुलिस टीमें लगाई गई हैं। एसएसपी ने परिजनों को आश्वासन दिया कि दोषियों को जल्द गिरफ्तार कर सजा दिलाई जाएगी।
घटना के बाद गांव में तनाव व्याप्त हो गया। एहतियात के तौर पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। बृहस्पतिवार सुबह जयसिंह के अंतिम संस्कार के दौरान भी सुरक्षा व्यवस्था कड़ी रखी गई।
परिजनों का आक्रोश: थाने पर हंगामा
हत्या की सूचना मिलते ही परिजन और ग्रामीण आक्रोशित हो गए। उन्होंने जयसिंह का शव कोतवाली के गेट पर रखकर जमकर नारेबाजी की और गिरफ्तारी न होने पर शव का अंतिम संस्कार न करने की चेतावनी दी। लगभग दो घंटे चले हंगामे के बाद एसएसपी के आश्वासन पर परिजन शांत हुए। इस घटना ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी है।
- रिपोर्ट – सुनील गुप्ता






