अलीगढ़: अलीगढ़ के गांधीपार्क इलाके से तीन महीने पहले लापता हुई 17 वर्षीय नाबालिग छात्रा को आगरा के एक युवक को 65 हजार रुपये में बेच दिया गया था। पुलिस ने किशोरी को बरामद कर लिया और उसे खरीदने-बेचने में शामिल पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। एक आरोपी अभी फरार है। मेडिकल परीक्षण और बयान दर्ज करने के बाद किशोरी को उसके परिवार को सौंप दिया गया है।
घटना 1 मई 2025 की है। नोएडा में मजदूरी करने वाले दंपती की 17 वर्षीय बेटी, जो गांधीपार्क इलाके में रहती थी, स्कूल जाने के लिए निकली थी। वह वापस नहीं लौटी। परिजनों ने थाना सिविल लाइन में मुकदमा दर्ज कराया। शुरुआती जांच में सहेलियों और कुछ युवकों से पूछताछ की गई, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। परिजनों ने सीएम पोर्टल पर शिकायत दर्ज की और आत्मदाह की धमकी दी। इसके बाद पुलिस ने सर्विलांस और सीसीटीवी फुटेज की मदद ली।
पुलिस की कार्रवाई
4 अगस्त को पुलिस ने आगरा के डौकी क्षेत्र के सुशील नगर, यमुना ब्रिज निवासी पुनीत उर्फ निक्की को गिरफ्तार किया। किशोरी उसके घर से बरामद हुई। पूछताछ में पुनीत ने बताया कि उसने किशोरी को 65 हजार रुपये में खरीदा और उसके साथ शादी कर पति-पत्नी की तरह रह रहा था। पुलिस ने किशोरी और पुनीत को अलीगढ़ लाया, जहां मेडिकल परीक्षण और बयान दर्ज किए गए।
पुनीत की निशानदेही पर पुलिस ने चार अन्य आरोपियों—हाथरस, सादाबाद के कछपुरा की मंजू, आगरा, बरहन के बांधनू के बालकांत शर्मा, बरहन मझउआ के प्रमोद और उसकी मां रामबेटी—को गिरफ्तार किया। एक अन्य आरोपी गिरीश फरार है। 7 अगस्त को पकड़े गए सभी आरोपियों को जेल भेज दिया गया। मामले में पॉक्सो एक्ट और दुष्कर्म की धाराएं जोड़ी गई हैं।
किशोरी का बयान
किशोरी ने बताया कि वह 1 मई को स्कूल गई थी। दोस्तों के साथ घूमते हुए घर पहुंची, लेकिन ताला लगा होने के कारण वह दोबारा घूमने निकल गई। अलीगढ़ स्टेशन पर मंजू नामक महिला से मुलाकात हुई, जिसे उसने खुद को अनाथ बताया। मंजू उसे अपने साथ ले गई और बाद में बेच दिया।
आरोपियों का आपराधिक इतिहास
पुलिस पूछताछ में मंजू ने स्वीकारा कि वह टीबी की मरीज है और इलाज के लिए अलीगढ़ आई थी। स्टेशन पर किशोरी से मुलाकात के बाद उसे अपने साथ ले गई और प्रमोद के घर पर रखा। एक महीने और पांच दिन बाद किशोरी को पुनीत को 65 हजार रुपये में बेचा गया, हालांकि शुरू में 85 हजार की बात हुई थी। पुलिस ने आरोपियों से 12,600 रुपये बरामद किए।
आरोपियों ने खुलासा किया कि वे पहले भी मानव तस्करी में शामिल रहे हैं और एक बच्चे को आगरा में बेच चुके हैं। वे बिना संतान वाले दंपतियों या अविवाहित लोगों को निशाना बनाते हैं।
सीसीटीवी की भूमिका
पुलिस ने बताया कि किशोरी मंजू के साथ ईएमयू ट्रेन से बरहन तक गई थी। वहां से दूसरे वाहन में सवार हुई। स्टेशन के सीसीटीवी फुटेज से मंजू की पहचान हुई, जिसके आधार पर अन्य आरोपियों तक पहुंचा गया।
पुलिस का बयान
एसपी सिटी मृगांक शेखर पाठक ने कहा, “तीन महीने की कड़ी मेहनत के बाद किशोरी को बरामद कर परिजनों को सौंप दिया गया है। पांच आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं, और फरार आरोपी की तलाश जारी है।”