आगरा। दीवाली की चमक-दमक के बीच बिचपुरी इलाके में एक छोटा-सा पटाखा विवाद ने भयावह रूप धारण कर लिया। जगदीशपुरा थाना क्षेत्र के बिचपुरी गांव में सपना वर्मा के परिवार ने पड़ोसी हेमंत द्वारा घर के सामने आतिशबाजी करने पर आपत्ति जताई, तो मामला हिंसा में बदल गया। आरोपियों ने घर पर पथराव किया, सीसीटीवी कैमरे तोड़ दिए और जान से मारने की धमकी दी। सबसे चौंकाने वाली बात—घटना के 12 घंटे बाद भी स्थानीय पुलिस मौके पर नहीं पहुंची, जिससे कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े हो गए।
पटाखे बुझाने का खामियाजा: गुस्से में उतरे पड़ोसी, भाइयों ने बुलाई भीड़
सपना वर्मा के मुताबिक, सोमवार (20 अक्टूबर 2025) की रात करीब 11 बजे पड़ोसी हेमंत उनके घर के ठीक सामने पटाखे जला रहा था। परिवार ने शोर-शराबे और सुरक्षा को देखते हुए मना किया। जब बच्चों ने पटाखों की आग बुझा दी, तो हेमंत गुस्से से भड़क उठा। उसने फौरन अपने भाइयों नरेंद्र और उपेंद्र को बुलाया, जो कई अन्य लोगों को लेकर लौटे। इसके बाद घर पर ईंट-पत्थरों की बौछार शुरू हो गई। हमलावरों ने दरवाजे-खिड़कियां तोड़ने की कोशिश की और अपशब्दों के साथ जान से मारने की धमकी दी।
कमरे में बंद होकर बची जान: महिला-बेटी घायल, 112 टीम पहुंची लेकिन थाना पुलिस गायब
हमले के वक्त सपना के रिश्तेदार भी घर पर थे। डर के मारे सभी एक कमरे में बंद हो गए। इस दौरान पत्थरबाजी में सपना और उनकी बेटी को चोटें आईं। परिवार ने कमरे के अंदर से ही इमरजेंसी नंबर 112 पर कॉल की। डायल 112 की टीम तो मौके पर पहुंची और प्रारंभिक कार्रवाई की, लेकिन जगदीशपुरा थाने और स्थानीय चौकी की पुलिस का कोई अता-पता नहीं। 112 कर्मियों ने पीड़ितों को थाने जाकर तहरीर देने की सलाह दी।
सपना देर रात थाने पहुंचीं और प्रार्थना पत्र सौंपा, लेकिन मंगलवार सुबह 11 बजे तक भी पुलिस टीम गांव नहीं आई। परिवार का दावा है कि घटना सीसीटीवी में कैद हो गई थी, लेकिन हमलावरों ने कैमरे भी क्षतिग्रस्त कर दिए। अब फुटेज बरामदगी की कोशिश की जा रही है।
पुलिस व्यवस्था पर सवाल: चौकी प्रभारी गायब, स्थानीयों में आक्रोश
बिचपुरी में चौकी होने के बावजूद चौकी प्रभारी का न पहुंचना लोगों के गले नहीं उतर रहा। ग्रामीणों का कहना है कि ऐसी घटनाओं में “फास्ट रिस्पॉन्स” सिर्फ कागजों पर रह गया है। एक स्थानीय निवासी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, “दीवाली की रात पूरे शहर में रोशनी थी, लेकिन यहां परिवार डर के साए में रात काट रहा था। पुलिस की यह लापरवाही भविष्य में बड़े हादसे को न्योता दे सकती है।”
इसी तरह के अन्य मामले: पटाखा विवाद बन रहे हिंसा का सबब
यह पहला मामला नहीं है जब दीवाली पर पटाखों को लेकर विवाद हिंसा में बदल गया। हाल ही में बिहार के शेखपुरा में एक रिटायर्ड आर्मी जवान ने पड़ोसी के बच्चों द्वारा पटाखा फोड़ने पर विवाद में गोली चला दी, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई। वहीं, राजस्थान के बूंदी में भी पटाखा फेंकने को लेकर चाकूबाजी हुई, जिसमें एक युवक की हत्या कर दी गई। आगरा में ही अवैध पटाखा भंडारण के मामले सामने आ रहे हैं, जो अग्निकांड का खतरा बढ़ा रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि त्योहारों पर जागरूकता अभियान चलाने की जरूरत है, ताकि छोटे विवाद बड़े रूप न लें।






