बाह/आगरा: मंगलवार रात बाह क्षेत्र में उस वक्त दहशत फैल गई जब कांग्रेस नेता उमाशंकर शर्मा और उनके भाई शिवशंकर शर्मा पर अज्ञात बदमाशों ने घात लगाकर जानलेवा हमला कर दिया। दोनों एक शादी समारोह से लौट रहे थे, तभी रास्ते में हमलावरों ने उनकी कार पर अंधाधुंध गोलियां बरसा दीं।
गोलियों की आवाज़ से पूरे गांव में अफरा-तफरी मच गई और लोग घरों से बाहर निकल आए। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर मामला दर्ज किया है। दो हमलावरों की पहचान हो चुकी है, लेकिन दोनों फरार बताए जा रहे हैं।
🔹 गोलियां लगने से दोनों भाई गंभीर घायल
सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस नेता उमाशंकर शर्मा अपने गांव उमरेठा से एक वैवाहिक कार्यक्रम में शामिल होकर लौट रहे थे। जैसे ही कार गांव की सीमा में पहुंची, पहले से घात लगाए बैठे हमलावरों ने अचानक फायरिंग शुरू कर दी।
गोलियां सीधे कार के शीशों और दरवाजों में जा लगीं।
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एक गोली उमाशंकर शर्मा के कंधे में
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दो गोलियां उनके भाई शिवशंकर शर्मा के पेट में लगीं
दोनों गंभीर रूप से घायल होकर कार में ही गिर पड़े। ग्रामीणों की मदद से दोनों को अस्पताल भेजा गया।
🔹 गांव में दहशत, पुलिस ने संभाला मोर्चा
गोलियों की आवाज़ सुनते ही ग्रामीण मौके पर पहुंचे, लेकिन तब तक हमलावर फरार हो चुके थे।
थाना बासौनी पुलिस तुरंत घटनास्थल पर पहुंची और घायलों को एस.एन. हॉस्पिटल आगरा रेफर किया गया।
डॉक्टरों के अनुसार, दोनों की स्थिति बेहद नाज़ुक बनी हुई है।
🔹 फॉरेंसिक जांच और आरोपियों की तलाश जारी
पुलिस ने घटनास्थल से कई खोखे (कारतूस) बरामद किए हैं।
फॉरेंसिक टीम ने मौके पर पहुंचकर साक्ष्य एकत्र किए।
एसपी ग्रामीण ने बताया —
“दो संदिग्धों की पहचान कर ली गई है। पुलिस की कई टीमें संभावित ठिकानों पर दबिश दे रही हैं और आसपास के सीसीटीवी फुटेज की जांच की जा रही है।”
🔹 कांग्रेस कार्यकर्ताओं का अस्पताल में जमावड़ा
हमले की खबर फैलते ही बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता एसएन हॉस्पिटल पहुंचे।
पार्टी नेताओं ने प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग करते हुए चेतावनी दी कि —
“अगर जल्द आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हुई, तो कांग्रेस कार्यकर्ता आंदोलन करेंगे।”
नेताओं ने घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की और पुलिस सुरक्षा बढ़ाने की मांग भी रखी।
इस हमले ने न केवल बाह क्षेत्र बल्कि पूरे राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है।
उत्तर प्रदेश के बाह क्षेत्र में मंगलवार रात एक सनसनीखेज घटना ने पूरे इलाके में दहशत फैला दी। कांग्रेस नेता उमाशंकर शर्मा और उनके भाई शिवशंकर शर्मा पर अज्ञात बदमाशों ने घात लगाकर फायरिंग कर दी। शादी समारोह से लौट रहे भाइयों की कार पर अंधाधुंध गोलियां बरसाई गईं, जिसमें उमाशंकर के कंधे और शिवशंकर के पेट में गोलियां लगीं। दोनों गंभीर रूप से घायल हैं और एसएन मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इलाजाधीन हैं। पुलिस ने दो हमलावरों की पहचान कर ली है और छापेमारी तेज कर दी है।
घटना का विवरण
- कब-कहां हुई वारदात: उमाशंकर शर्मा अपने गांव उमरेठा (बाह तहसील) से एक वैवाहिक कार्यक्रम में शामिल होकर रात करीब 10 बजे लौट रहे थे। जैसे ही उनकी कार गांव की सीमा पर पहुंची, पहले से घात लगाए हमलावरों ने अचानक फायरिंग शुरू कर दी। गोलियां कार के शीशे और दरवाजों को छलनी कर गईं।
- नुकसान: एक गोली उमाशंकर के दाहिने कंधे में लगी, जबकि शिवशंकर के पेट में दो गोलियां धंस गईं। दोनों खून से लथपथ होकर कार में गिर पड़े। हमलावरों ने कम से कम 8-10 राउंड फायरिंग की।
- गांव में हड़कंप: गोलियों की तड़तड़ाहट सुनकर आसपास के ग्रामीण दौड़े, लेकिन तब तक हमलावर अंधेरे का फायदा उठाकर फरार हो चुके थे। गांव में भगदड़ मच गई, महिलाएं-बच्चे घरों में दुबक गए।
पुलिस कार्रवाई और जांच:
- तत्काल एक्शन: स्थानीय लोगों ने थाना बासौनी को सूचना दी। पुलिस टीम मौके पर पहुंची और घायलों को तुरंत एसएन हॉस्पिटल ले जाया गया। डॉक्टरों ने बताया कि दोनों की हालत बेहद नाजुक है; शिवशंकर को सर्जरी की जरूरत पड़ सकती है।
- साक्ष्य संग्रह: फॉरेंसिक टीम ने घटनास्थल से 10 खाली कारतूस (9 एमएम की पिस्टल के) बरामद किए। आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं, जिसमें हमलावरों का वाहन (संभावित बाइक) दिखाई दे रहा है।
- मुकदमा और आरोपी: पीड़ित पक्ष की तहरीर पर हत्या के प्रयास (IPC 307) और आर्म्स एक्ट की धाराओं में केस दर्ज। एसपी ग्रामीण ने बताया कि दो मुख्य हमलावरों की पहचान हो चुकी है—वे स्थानीय गुंडे हैं, जिनका आपराधिक इतिहास है। संभावित ठिकानों पर दबिशें चल रही हैं, और 5 टीमें लगाई गई हैं।
राजनीतिक प्रतिक्रिया:
- कांग्रेस का आक्रोश: हमले की खबर फैलते ही दर्जनों कांग्रेस कार्यकर्ता अस्पताल पहुंचे। जिला कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, “यह राजनीतिक साजिश है। अगर 48 घंटे में गिरफ्तारी न हुई तो धरना-प्रदर्शन करेंगे।” उन्होंने घायलों के लिए सुरक्षा और मुआवजे की मांग की।
- प्रशासन पर सवाल: विपक्षी नेता इसे “कानून व्यवस्था की विफलता” बता रहे हैं। पूर्व में आगरा में राजनीतिक हिंसा की घटनाएं (जैसे जुलाई में ताजमहल के पास फायरिंग) को जोड़ते हुए सतर्कता बरतने की मांग।





