नई दिल्ली/एजेंसी: दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने एक बड़े नकली दवा रैकेट का भंडाफोड़ करते हुए छह लोगों को गिरफ्तार किया है। यह गिरोह हरियाणा, उत्तर प्रदेश समेत पूरे उत्तर भारत में नकली दवाओं की सप्लाई कर रहा था। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान मोहम्मद आलम (35), मोहम्मद सलीम (42), मोहम्मद जुवैर (29), प्रेम शंकर प्रजापति (25), परमानंद (50), और सरगना राजेश मिश्रा (52) के रूप में हुई है।
पुलिस ने 30 जुलाई 2025 को सिविल लाइंस, दिल्ली के श्यामनाथ मार्ग पर एचपी सीएनजी पेट्रोल पंप के पास छापेमारी कर मोहम्मद आलम और मोहम्मद सलीम को एक वैगनआर कार (पंजीकरण संख्या UP21 ET 3620) के साथ पकड़ा। कार से भारी मात्रा में नकली दवाएं, जिनमें अल्ट्रासेट, ऑगमेंटिन 625, जीरो डोल एसपी, पैंटॉप डीएसआर, और कैनाकॉर्ट इंजेक्शन शामिल हैं, बरामद की गईं। जॉनसन एंड जॉनसन और जीएसके के विशेषज्ञों ने पुष्टि की कि ये दवाएं नकली हैं, जिनकी पैकेजिंग और स्टैंपिंग कंपनी के मानकों से मेल नहीं खाती। प्रयोगशाला परीक्षणों में यह भी सामने आया कि इन दवाओं में सक्रिय औषधीय तत्व नहीं थे और इन्हें सफेद चूरन (फिलर) से बनाया गया था।
रैकेट का संचालन और नेटवर्क
पुलिस के अनुसार, यह एक सुसंगठित अंतरराज्यीय रैकेट था, जो हरियाणा के जींद, हिमाचल प्रदेश के बद्दी और सोलन, तथा उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद, देवरिया, और गोरखपुर में फैला हुआ था। राजेश मिश्रा, जो गोरखपुर का रहने वाला है, इस रैकेट का मास्टरमाइंड था। उसने अपने फार्मा उद्योग के अनुभव का इस्तेमाल कर जींद में परमानंद की ‘महालक्ष्मी’ नामक इकाई में नकली दवाओं का उत्पादन शुरू किया। पैकेजिंग सामग्री और डाई हिमाचल प्रदेश के बद्दी से गोविंद मिश्रा के जरिए प्राप्त की जाती थी। नकली दवाएं रेल, निजी वाहनों, और कूरियर के माध्यम से गोरखपुर और अन्य स्थानों पर पहुंचाई जाती थीं, जहां प्रेम शंकर प्रजापति और मोहम्मद जुवैर जैसे वितरक इन्हें झोलाछाप डॉक्टरों और मेडिकल स्टोर्स तक पहुंचाते थे।
सोशल मीडिया और एन्क्रिप्टेड चैट का इस्तेमाल
यह गिरोह सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे फेसबुक और एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग ऐप्स जैसे व्हाट्सएप के जरिए सप्लायर्स और ग्राहकों से जुड़ता था। मोहम्मद आलम और जुवैर को फेसबुक पोस्ट और मैसेज के माध्यम से आपूर्तिकर्ताओं जैसे अरुण (महाराजगंज), कोमल (करनाल), और सुमित (गोरखपुर) से जोड़ा गया था। भुगतान के लिए रिश्तेदारों के बैंक खातों, मोबाइल वॉलेट, और क्यूआर कोड का उपयोग किया जाता था ताकि जांच एजेंसियों की नजर से बचा जा सके।
बरामद सामग्री
पुलिस ने हरियाणा के जींद और हिमाचल प्रदेश के बद्दी में दो नकली दवा फैक्ट्रियों का भंडाफोड़ किया। छापेमारी में 150 किलो लूज टैबलेट, 20 किलो लूज कैप्सूल, 10 रोल फॉयल, और जीरो डोल एसपी, पैंटॉप डीएसआर, क्लावम 625, वीमॉक्स-625 एलबी जैसे ब्रांडेड दवाओं के हजारों नकली पैक बरामद किए गए। इसके अलावा, जॉनसन एंड जॉनसन और जीएसके के नकली पैकेजिंग बॉक्स भी जब्त किए गए।
पुलिस की कार्रवाई और जांच
दिल्ली पुलिस के डीसीपी (क्राइम) हर्ष इंदौरा ने बताया कि इंस्पेक्टर पवन कुमार की टीम ने जीएसके और जॉनसन एंड जॉनसन के कानूनी प्रतिनिधियों के साथ मिलकर इस ऑपरेशन को अंजाम दिया। पुलिस ने तकनीकी सर्वेक्षण और डिजिटल साक्ष्यों का विश्लेषण कर इस नेटवर्क की जड़ तक पहुंचने में सफलता पाई। सभी छह आरोपी हिरासत में हैं, और उनके मोबाइल फोनों से बरामद संपर्कों जैसे “कोमल जी करनाल” और “पप्पी भैया जीकेपी” की जांच की जा रही है।
जनता के लिए चेतावनी
पुलिस ने जनता से अपील की है कि दवाएं केवल विश्वसनीय मेडिकल स्टोर्स से खरीदें और संदिग्ध दवाओं की जानकारी तुरंत पुलिस को दें। यह रैकेट लोगों के जीवन से खिलवाड़ कर रहा था, और इसकी जड़ तक पहुंचने के लिए जांच जारी है।