रिपोर्ट 🔹सुशील गुप्ता

फतेहाबाद/आगरा। जिस एक्सप्रेसवे पर सरकार ने करोड़ों खर्च कर वाटर हार्वेस्टिंग के इंतजाम किए थे, वही इंतजाम अब किसानों के लिए सिरदर्द बन गए हैं। आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर बनाई गई नालियां बारिश की पहली ही मार में धराशायी हो गईं, नतीजा ये कि खेतों में पानी भर गया और किसानों की मेहनत पर पानी फिर गया।

किलोमीटर 14 पर पिछले तीन सालों से नालियां टूटी पड़ी हैं, लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों के कानों पर जूं तक नहीं रेंगी। हालत यह है कि टोल प्लाजा के पास की नालियां भी मिट्टी में दबी पड़ी हैं, जिससे जल निकासी पूरी तरह ठप हो गई है।

“पानी खेतों में घुस चुका है, फसलें सड़ रहीं हैं। प्रशासन अगर नहीं जागा तो आने वाले दिनों में और तबाही होगी।”
छत्रपाल सिंह, नगरचंद निवासी (संपूर्ण समाधान दिवस में शिकायतकर्ता)

ग्रामीणों का गुस्सा सातवें आसमान पर है। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर जल्द नालियों की मरम्मत नहीं हुई और जिम्मेदार अफसरों पर कार्रवाई नहीं की गई तो वे सड़क पर उतरकर उग्र प्रदर्शन करेंगे।

सवालों के घेरे में है सरकार की करोड़ों की योजना – आखिर किसकी लापरवाही से किसान हो रहे बर्बाद?


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