रिपोर्ट – सुनील कुमार गुप्ता
एटा: उत्तर प्रदेश के एटा जिले के निधौली कलां थाना क्षेत्र के चंद्रभानपुर गांव में 17 वर्षीय नाबालिग सत्यवीर पुत्र मोहर सिंह की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत का मामला सामने आया है। परिजनों के अनुसार, सत्यवीर को एक लड़की को भगाने के आरोप में पुलिस ने पूछताछ के लिए थाने बुलाया था। 31 जुलाई 2025 को उसे जयपुर से बुलाया गया, और 1 अगस्त 2025 की सुबह 8 बजे वह अपने बड़े भाई योगेंद्र और मामा के साथ थाने पहुंचा। आरोप है कि पुलिस ने योगेंद्र और मामा को थाने से भगा दिया और सत्यवीर के साथ मारपीट की।
परिजनों का दावा है कि सत्यवीर को रातभर थाने में बंद रखकर बेरहमी से पीटा गया। उसके शरीर पर गंभीर चोटों के निशान, खासकर पैरों और पिछले हिस्से पर डंडों के निशान, देखे गए। हालत बिगड़ने पर पुलिस ने उसे सुबह गांव से 500 मीटर दूर छोड़ दिया, जहां उसकी मौत हो गई। मृतक के पिता ने कोतवाली उपनिरीक्षक सुरेंद्र सिंह पर बेटे की पिटाई का आरोप लगाया, जिसके कारण उसकी मौत हुई।
आक्रोश और प्रदर्शन
नाबालिग की मौत के बाद ग्रामीणों में भारी आक्रोश फैल गया। भारी संख्या में लोग जुटे और शव को ट्रैक्टर पर रखकर एसएसपी कार्यालय पहुंचे, जहां उन्होंने हंगामा किया। इसकी सूचना पर एएसपी राजकुमार सिंह मौके पर पहुंचे। ग्रामीणों और परिजनों की मांग थी कि दोषी पुलिसकर्मियों पर सख्त कार्रवाई हो।
पुलिस का पक्ष और कार्रवाई
पुलिस ने इस मामले में जांच शुरू कर दी है। शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है, और प्रारंभिक जांच में शरीर पर चोट के निशान की पुष्टि हुई है। हालांकि, पुलिस ने अभी तक यह स्पष्ट नहीं किया कि सत्यवीर की मौत का कारण क्या था और क्या यह पुलिस की पिटाई का नतीजा था। मामले की गंभीरता को देखते हुए वरिष्ठ अधिकारियों ने जांच का आश्वासन दिया है।
सामाजिक और कानूनी पहलू
यह घटना पुलिस हिरासत में होने वाली संदिग्ध मौतों और कथित बर्बरता के मामलों में एक और काला अध्याय जोड़ती है। ऐसी घटनाएं पुलिस सुधारों की आवश्यकता को रेखांकित करती हैं। यदि आप इस मामले में शिकायत दर्ज करना चाहते हैं, तो आप उत्तर प्रदेश पुलिस की वेबसाइट (uppolice.gov.in) पर ऑनलाइन शिकायत दर्ज कर सकते हैं या स्थानीय पुलिस स्टेशन में संपर्क कर सकते हैं।