अलीगढ़: जिले में कमिश्नर कार्यालय से फर्जी आदेश पत्र जारी करने के मामले में न्याय सहायक नवीन जैन को पुलिस ने शनिवार को गिरफ्तार कर लिया। उनके खिलाफ क्वार्सी थाने में धोखाधड़ी और जालसाजी की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। नवीन जैन पर आरोप है कि उन्होंने थाना बन्ना देवी के सारसौल क्षेत्र में जमीन कब्जे से जुड़े एक मामले में कमिश्नर के नाम से फर्जी आदेश पत्र जारी किया था। जांच में पत्र के फर्जी होने की पुष्टि होने के बाद यह कार्रवाई की गई।
नवीन जैन, जो कमिश्नर कार्यालय में न्याय सहायक के पद पर तैनात थे, ने थाना बन्ना देवी के सारसौल में जमीन पर कब्जे से संबंधित एक मामले में जिला प्रशासन और पुलिस के लिए कमिश्नर कार्यालय से एक आदेश पत्र जारी किया था। इस पत्र पर विपक्षी पक्ष को संदेह हुआ, जिसके बाद उन्होंने कमिश्नर से शिकायत की। मामले की गंभीरता को देखते हुए अपर आयुक्त ने जांच के आदेश दिए। जांच में पाया गया कि आदेश पत्र फर्जी था और इसमें नवीन जैन की संलिप्तता थी।
पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई
- जांच और निलंबन: फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद नवीन जैन को कमिश्नर कार्यालय से हटाकर उनकी मूल तैनाती स्थल अतरौली भेज दिया गया।
- गिरफ्तारी: शनिवार को क्वार्सी थाना पुलिस ने नवीन जैन को अतरौली से गिरफ्तार किया। उनके खिलाफ धोखाधड़ी और जालसाजी की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है।
- आगे की प्रक्रिया: गिरफ्तारी के बाद नवीन जैन को जेल भेजने की तैयारी की जा रही है। पुलिस इस मामले में अन्य संभावित संलिप्त लोगों की भी जांच कर रही है।
सामाजिक और प्रशासनिक प्रभाव
- प्रशासनिक विश्वास पर सवाल: कमिश्नर कार्यालय जैसे उच्च प्रशासनिक कार्यालय से फर्जी आदेश पत्र जारी होने से प्रशासनिक प्रक्रियाओं की पारदर्शिता पर सवाल उठ रहे हैं।
- सारसौल में तनाव: जमीन कब्जे से जुड़ा यह मामला पहले से ही विवादास्पद था, और फर्जी पत्र ने स्थिति को और जटिल कर दिया।
- सख्ती की मांग: इस घटना ने प्रशासन और पुलिस से फर्जीवाड़े पर सख्त कार्रवाई की मांग को बढ़ा दिया है।