📍समाचार सार:
आगरा के हरी नगर कॉलोनी में जलभराव से हालात नर्क जैसे हो गए हैं। नाले-नालियां जाम होने से कॉलोनी की गलियों में 1-2 फीट तक पानी भरा है, जिससे महिलाएं, बुज़ुर्ग और स्कूली बच्चे बेहद परेशान हैं। स्थानीय निवासी कई बार शिकायत कर चुके हैं, लेकिन प्रधान और जनप्रतिनिधि कोई ध्यान नहीं दे रहे। कॉलोनीवासियों ने जिलाधिकारी और कैबिनेट मंत्री बेबी रानी मौर्य से हस्तक्षेप की मांग की है।

जनप्रतिनिधियों की चुप्पी से उबल पड़ा मोहल्ला
• बच्चे स्कूल नहीं जा रहे, महिलाएं घर से बाहर नहीं निकल पा रहीं
• 1-2 फीट तक भरा गंदा पानी, घरों में घुसा जल संकट

📍शर्मनाक ! हरी नगर के लोग जी नहीं रहे… बस पानी में तैरते हुए दिन काट रहे हैं!

रिपोर्ट: दिलशाद समीर |

आगरा। हरिश्वरूप इंटर कॉलेज के पास स्थित हरी नगर कॉलोनी आज किसी आधुनिक नगर नहीं, बल्कि शहर के बीच बसा बदहाल जलमग्न गांव लग रही है। हर तरफ़ गंदा पानी, बजबजाते नाले और बेपरवाह प्रशासन – यह हाल है उस इलाके का जो नगर विकास के बड़े-बड़े दावों के बीच ‘विकास’ के नाम पर ठगा जा रहा है।

पथौली से बोदला सौ फूटा अमरपुरा रोड पर बसे हरी नगर की सड़कों पर नालों का पानी भरकर घरों तक पहुंच गया है। 1 से 2 फीट तक भरे गंदे पानी में डूबे रास्तों से कॉलोनीवासियों का गुजरना अब रोज़ का संघर्ष बन गया है।

❝हम इंसान हैं या जलचर?❞ – कॉलोनी वासियों का फूटा गुस्सा

निवासी विनोद चौधरी, प्रतीक मिश्रा, प्रमोद सिंह और राजपाल फौजदार समेत दर्जनों लोगों ने आगरा के जिलाधिकारी और प्रदेश की कैबिनेट मंत्री बेबी रानी मौर्य से गुहार लगाई है। उनका कहना है कि बच्चे स्कूल से आते-जाते हैं, महिलाएं बीमार पड़ रही हैं, लेकिन नाले-नालियां जाम हैं और प्रधान-नेता बेफिक्र हैं।

चुने गए नेता भी बहरे हो गए हैं!

कई बार शिकायतों के बाद भी न जनप्रतिनिधि जागे, न स्थानीय प्रशासन। वोट लेकर गुम हो चुके नेताओं की चुप्पी आज जनता के सब्र को तोड़ रही है।

आवाज़ उठाइए! शेयर कीजिए! सवाल पूछिए – कब तक रहेगा हरी नगर यूं ही जलमग्न?

बात सिर्फ़ एक मोहल्ले की नहीं, ये कहानी है उस व्यवस्था की जो समस्याओं पर आंख मूंद लेती है, जब तक जनता सड़कों पर उतर न आए।

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