झाँसी: बुंदेलखंड क्षेत्र, जो उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के कुछ जिलों को कवर करता है, लंबे समय से सरकारी कार्यालयों में भ्रष्टाचार की समस्या से जूझ रहा है। कृषि मंडी से लेकर थाने, नगर निगम, तहसील, शिक्षा विभाग और बिजली विभाग तक हर जगह “सुविधा शुल्क” या रिश्वत के बिना काम कराना मुश्किल हो गया है। यह समस्या न केवल आम जनता को परेशान कर रही है, बल्कि विकास को भी बाधित कर रही है। हाल के वर्षों में एंटी-करप्शन टीमों ने कई घूसखोर कर्मचारियों को पकड़ा है, लेकिन समस्या अभी भी बरकरार है।
आंकड़ों के अनुसार, पिछले 19 महीनों में बुंदेलखंड में एंटी-करप्शन ट्रैप टीम ने 27 सरकारी कर्मचारियों को रंगे हाथों पकड़ा है। इनमें उपनिदेशक, लेखपाल, लिपिक, दरोगा, स्टेनो आदि शामिल हैं। थानों, बिजली विभाग, खनिज विभाग, सिंचाई विभाग, नगर निगम और लोक निर्माण विभाग से सबसे अधिक शिकायतें आ रही हैं। विभागीय सूत्रों के मुताबिक, 30 से अधिक शिकायतें अभी लंबित हैं, जिनमें करीब 20 वर्दीधारी कर्मचारी शामिल हैं। इन पर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के आरोप हैं।
एंटी-करप्शन प्रभारी शादाब खान के अनुसार, लोगों में शिकायत दर्ज कराने की जागरूकता की कमी है। एजेंसियां अब जनता को भ्रष्टाचार के खिलाफ शिकायत करने के लिए प्रोत्साहित कर रही हैं। यदि कहीं रिश्वत मांगी जाए, तो तत्काल शिकायत करें। उत्तर प्रदेश में एंटी-करप्शन हेल्पलाइन नंबर उपलब्ध हैं, जैसे आगरा के लिए 9454401988, कानपुर के लिए 9454401887 आदि।
प्रमुख मामले
भ्रष्टाचार के इन मामलों ने क्षेत्र में हड़कंप मचा दिया है। कुछ प्रमुख उदाहरण निम्नलिखित हैं:
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11 जुलाई 2025: मऊरानीपुर थाने में तैनात दरोगा विनीत कुमार को रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा गया।
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22 मई 2025: ललितपुर के ग्राम पंचायत अधिकारी उमा शंकर राजपूत को 23 हजार रुपये की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया गया।
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24 मई 2025: पुलिस विभाग के एएसआईओ विद्यासागर शुक्ला पर आय से अधिक संपत्ति के मामले में कार्रवाई।
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9 मई 2025: डीआईओएस उरई कार्यालय में स्टेनो राजकुमार तिवारी को 20 हजार रुपये की रिश्वत लेते पकड़ा गया।
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17 अप्रैल 2025: पेशकार सहायक चकबंदी अशोक कुमार को 15 हजार रुपये लेते गिरफ्तार।
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18 फरवरी 2025: लोक निर्माण विभाग के कैशियर संजीव सहानी को रिश्वत लेते पकड़ा गया।
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12 फरवरी 2025: बिजली विभाग का जेई धर्मेंद्र कुमार को 20 हजार रुपये की रिश्वत लेते गिरफ्तार।
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15 फरवरी 2025: नलकूप विभाग का कनिष्ठ सहायक अमन कुमार को पकड़ा गया।
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2 फरवरी 2025: लेखपाल राजेंद्र रजक को 5 हजार रुपये की रिश्वत के साथ गिरफ्तार।
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7 फरवरी 2023: गरौठा थाने के दरोगा बृजेश कुमार को रिश्वत लेते पकड़ा गया।
ये मामले विभिन्न विभागों से जुड़े हैं और दर्शाते हैं कि भ्रष्टाचार कितना गहरा पैठा हुआ है।
कारण और प्रभाव
भ्रष्टाचार के प्रमुख कारणों में कम वेतन, राजनीतिक हस्तक्षेप, कमजोर निगरानी और डिजिटलीकरण की कमी शामिल हैं। इसका प्रभाव आम जनता पर पड़ता है, जो सरकारी सेवाओं के लिए अतिरिक्त खर्च करने को मजबूर होती है। इससे गरीबी बढ़ती है और विकास रुक जाता है। बुंदेलखंड जैसे पिछड़े क्षेत्र में यह समस्या और गंभीर है, जहां कृषि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था पहले से ही कमजोर है।
हाल के सोशल मीडिया पोस्ट्स भी इस समस्या को उजागर करते हैं। उदाहरण के लिए, एक डॉक्टर की चिट्ठी वायरल हुई जो भ्रष्टाचार पर सवाल उठाती है। बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे पर सड़क धंसने के मामले को भ्रष्टाचार से जोड़ा जा रहा है।
समाधान के उपाय
भ्रष्टाचार रोकने के लिए निम्नलिखित कदम उठाए जा सकते हैं:
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डिजिटलीकरण बढ़ाएं: भूलेख UP जैसे पोर्टल्स (upbhulekh.gov.in) से भूमि रिकॉर्ड ऑनलाइन उपलब्ध हैं, जो भ्रष्टाचार कम करते हैं।
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जागरूकता अभियान: लोगों को शिकायत दर्ज करने के लिए प्रेरित करें। टोल-फ्री हेल्पलाइन 1064 या स्थानीय नंबरों का उपयोग।
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कड़ी कार्रवाई: एंटी-करप्शन टीमों को मजबूत करें और ट्रैप ऑपरेशंस बढ़ाएं।
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निगरानी प्रणाली: सीसीटीवी और ई-गवर्नेंस को लागू करें।
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कानूनी सुधार: तेजी से मुकदमों का निपटारा सुनिश्चित करें।
सरकार द्वारा भ्रष्टाचार निवारण संगठन (ACO) उत्तर प्रदेश सक्रिय है, जो शिकायतों पर कार्रवाई करता है।
- रिपोर्ट – नेहा श्रीवास