बरेली: उत्तर प्रदेश के बरेली में ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने बागेश्वर धाम के प्रमुख धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के विवादित बयान पर कड़ा ऐतराज जताया है। धीरेंद्र शास्त्री ने हाल ही में दावा किया था कि भारत में रहने वाले मुसलमान ‘नकली’ हैं, जबकि विदेशों में ही ‘असली’ मुसलमान हैं। इस बयान पर मौलाना रजवी ने पलटवार करते हुए कहा कि दुनिया में सबसे पहले इंसान हजरत-ए-आदम थे, जो मुसलमान थे, और सभी इंसान उनकी औलाद हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि असली-नकली की पहचान कैसे की जाएगी और धीरेंद्र शास्त्री खुद को क्या कहेंगे?
बागेश्वर धाम के प्रमुख धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने एक धार्मिक सभा में कहा था कि भारत में मुसलमानों की संख्या अधिक होने के बावजूद वे ‘नकली’ हैं, क्योंकि वे इस्लाम के सख्त नियमों का पालन नहीं करते। उनका दावा था कि असली मुसलमान विदेशों में रहते हैं, जहां शरीयत का कड़ाई से अमल होता है। इस बयान ने सोशल मीडिया पर हंगामा मचा दिया और कई धार्मिक संगठनों ने इसे नफरत फैलाने वाला बताया।
मौलाना रजवी का जवाब: हजरत-ए-आदम की औलाद हैं सब
मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने एक वीडियो संदेश में कहा, “हकीकत यह है कि दुनिया में सबसे पहले इंसान हजरत-ए-आदम आए थे। दुनिया में चाहे किसी भी मजहब के मानने वाले लोग हों, वह हजरत-ए-आदम की औलाद हैं। धीरेंद्र शास्त्री भी हजरत-ए-आदम की औलाद हैं। हजरत-ए-आदम मुसलमान थे। अब उनकी औलादों को क्या कहेंगे और धीरेंद्र शास्त्री को क्या कहा जाएगा?” उन्होंने आगे जोड़ा कि भारत के मुसलमान शरीयत और इस्लाम के वसूलों पर सख्ती से अमल करते हैं, जबकि विदेशों के कई मुसलमान इतनी पाबंदी नहीं रखते। “यह बात धीरेंद्र शास्त्री को चुभती है और उनके दिलो-दिमाग को खटकती है।”
मौलाना ने RSS का भी जिक्र किया, “राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) का कहना है कि भारत पहले से ही हिंदू राष्ट्र है, जबकि धीरेंद्र शास्त्री कुछ अलग ही लहजे में बह रहे हैं।” उन्होंने सवाल उठाया कि नकली और असली की पहचान कैसे और किस तरह की होगी। मौलाना ने कहा, “जो नकली होता है, वही फर्क करता है। वह शोर मचाकर ढोल बजाकर फर्क करता है। असली लोग खामोश रहते हैं।”
विवाद की पृष्ठभूमि: धीरेंद्र शास्त्री के पिछले बयान
धीरेंद्र शास्त्री अपने विवादित बयानों को लेकर अक्सर सुर्खियों में रहते हैं। जुलाई 2025 में उन्होंने ‘भगवा-ए-हिंद’ का नारा दिया था, जिस पर मौलाना रजवी ने ही कड़ा विरोध जताया था। जनवरी 2025 में कुंभ मेले की वक्फ जमीन पर विवाद के दौरान भी शास्त्री ने मौलाना को जवाब दिया था, “कुंभ की जमीन किसी के अब्बा की नहीं बल्कि हमारे बब्बा की है।” ये बयान धार्मिक सद्भाव को प्रभावित करने वाले माने जा रहे हैं।
मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी बरेली के प्रमुख इस्लामी विद्वान हैं, जो ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। वे अक्सर सामाजिक और धार्मिक मुद्दों पर बयान देते रहते हैं, जैसे वक्फ संशोधन बिल का समर्थन, नए साल मनाने पर फतवा, और मोहम्मद शमी के रोजा विवाद पर टिप्पणी।
सोशल मीडिया पर हंगामा
यह बयान सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। X (पूर्व ट्विटर) पर कई यूजर्स ने इसे शेयर किया है। IANS Hindi ने वीडियो पोस्ट किया, जिसमें मौलाना का पूरा बयान है। अन्य पोस्ट्स में यूजर्स ने इसे ‘धार्मिक नेताओं के बीच बवाल’ बताया। Amar Ujala और Pardaphash जैसे न्यूज पोर्टल्स ने भी इसे प्रमुखता से कवर किया।
प्रमुख बिंदु | धीरेंद्र शास्त्री का दावा | मौलाना रजवी का जवाब |
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असली-नकली मुसलमान | भारत में नकली, विदेश में असली | सभी हजरत-ए-आदम की औलाद, भारत के मुसलमान शरीयत पर सख्त |
भारत का दर्जा | हिंदू राष्ट्र (RSS जैसा) | पहले से हिंदू राष्ट्र का दावा, फिर नया विवाद क्यों? |
पहचान का तरीका | शरीयत पालन पर आधारित | जो फर्क करता है, वही नकली; असली खामोश रहते हैं |
क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
धार्मिक विद्वानों का मानना है कि ऐसे बयान सामाजिक सद्भाव को नुकसान पहुंचाते हैं। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने भी शास्त्री के बयान की निंदा की है। प्रशासन ने दोनों पक्षों से शांति बनाए रखने की अपील की है। मौलाना रजवी ने कहा कि धर्म के नेता मोहब्बत और भाईचारा फैलाएं, नफरत नहीं।