मथुरा। देवउठनी एकादशी के पावन अवसर पर सम्पूर्ण ब्रजभूमि भक्ति और उल्लास के रंगों में रंगी नजर आई। इस दिन से न केवल भगवान विष्णु के चार माह के शयन का समापन होता है, बल्कि मांगलिक कार्यों का भी पुनः शुभारंभ होता है।

जनपद मथुरा में आज भक्तों ने बड़ी श्रद्धा के साथ देवउठानी एकादशी की परिक्रमा की। मंदिरों में भगवान विष्णु के जागरण और तुलसी-शालिग्राम विवाह के आयोजन से वातावरण भक्ति रस में सराबोर हो गया।
इसी क्रम में अंतापड़ा क्षेत्र स्थित एक ब्राह्मण परिवार के घर में भी पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ तुलसी-शालिग्राम विवाह संपन्न कराया गया। इस अवसर पर भगवान शालिग्राम को वर के रूप में और तुलसी माता को वधू के रूप में सुंदर रूप से सजाया गया। सबसे पहले वरमाला समारोह सम्पन्न हुआ, तत्पश्चात वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच सात फेरे कराए गए और अंत में कन्यादान की रस्म निभाई गई।
पूरे कार्यक्रम के दौरान भक्तगण “जय जय तुलसी माता” और “हरि-हरि बोल” के जयकारे लगाते रहे। विवाह के उपरांत प्रसाद वितरण और भजन संध्या का भी आयोजन किया गया।
देवउठनी एकादशी के साथ ही अब विवाह, गृह प्रवेश और अन्य मांगलिक कार्यों की शुभ शुरुआत भी हो चुकी है। ब्रजभूमि के मंदिरों में आज दिनभर धार्मिक अनुष्ठान, कीर्तन और दीप सज्जा के कार्यक्रम चलते रहे।






