राजा दशरथ स्वरूप अजय अग्रवाल ने बताया बड़हार की दावत का निमंत्रण नहीं मिला
आगरा। श्री राम जानकी बैठे हैं मेरे सीने में…, जब मुंबई के सारेगामा फेम गायक आकाश दुबे ने यह भजन जनक मंच पर प्रस्तुत किया, तो मानो पूरा मिथिला महल राम-जानकी की भक्ति में सराबोर हो गया। स्वर लहरियां बहते ही भक्तजन आत्मविभोर होकर भाव-विह्वल हो उठे।
श्रीजनकपुरी महोत्सव में शुक्रवार शाम का आरंभ आकाश दुबे ने भक्तिरस से सराबोर भजनों की श्रृंखला से किया। नैना भीगे-भीगे जाएं, कैसे खुशी ये छुपाएं.., राम आएंगे… सुनकर हजारों श्रोता झूम उठे।
भक्तों ने ताली और जयकारों से पूरा वातावरण गुंजायमान कर दिया। इसके बाद मुंबई की सुप्रसिद्ध भजन गायिका रोहिणी गर्ग ने मंच संभाला।
स्वर कोकिला लता मंगेशकर की टीम के साथ देशभर में भजन प्रस्तुत कर चुकीं रोहिणी ने छाप तिलक सब छीनी रे मोसे नैना मिलाय के…. और मेरी झोपड़ी के भाग आज खुल जाएंगे, राम आएंगे…. जैसे मधुर भजनों से श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। हर भजन पर जनसमूह आनंद की गहराइयों में डूबता चला गया।
राजा दशरथ के बगैर हुई बड़हार की दावत
जनकपुरी महोत्सव समिति की ओर से राजा जनक स्वरूप राजेश अग्रवाल द्वारा रामलीला कमेटी के पदाधिकारियों और नगरवासियों को बड़हार की दावत के लिए निमंत्रण दिया गया था, लेकिन राजा दशरथ अजय अग्रवाल को व्यक्तिगत रूप से आमंत्रण पत्र नहीं दिया गया।
राजा दशरथ स्वरूप अजय अग्रवाल ने बताया कि शुक्रवार दोपहर लगभग 3:23 बजे राजा जनक स्वरूप राजेश अग्रवाल का फोन आया और दावत में आने के लिए कहा। इस पर उन्होंने स्पष्ट किया कि उन्हें कोई निमंत्रण पत्र प्राप्त नहीं हुआ।
राजा जनक स्वरूप का कहना था कि आमंत्रण लग्न पत्रिका के समय दे दिया गया था। इस पर उन्होंने कहा कि लगुन आमंत्रण बरात लाने के लिए था, जो उन्होंने पूरा कर दिया। उन्होंने यह भी कहा कि गुरुवार को जनक मंच पर उन्हें अमर्यादित व्यवहार का सामना करना पड़ा, जिससे उनकी भावनाएं आहत हुईं।





