फतेहाबाद/आगरा: उटंगन नदी पर रिहावली फतेहाबाद और रीठे बाह गांव के बीच प्रस्तावित बहुउपयोगी बांध योजना को लेकर सिविल सोसायटी ऑफ आगरा ने गंभीर चिंता व्यक्त की है। संगठन ने जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ. मंजू भदौरिया से मांग की है कि योजना का वैज्ञानिक अध्ययन आईआईटी रुड़की या किसी अन्य विशेषज्ञ संस्था से कराया जाए, ताकि जलस्तर, तटीय क्षेत्र और जल विस्तार से जुड़ी आवश्यक जानकारियाँ उपलब्ध हो सकें।

संगठन के सचिव अनिल शर्मा ने कहा कि चार वर्षों से यह मुद्दा उठाया जा रहा है, लेकिन सिंचाई विभाग के अधिकारियों द्वारा इसे गंभीरता से नहीं लिया जा रहा। अधिशासी अभियंता द्वारा छोटे चेकडैम की बात कही गई, जबकि उटंगन नदी मानसून में विशाल जलराशि लेकर बहती है। ड्रोन मैपिंग में जल की भरपूरता दिखने के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।

डॉ. मंजू भदौरिया ने कहा कि जल संचय सरकार की प्राथमिकता है। रिहावली बांध बनने से भूजल स्तर में सुधार होगा और यमुना नदी में प्रदूषण तथा डिजॉल्व ऑक्सीजन की कमी जैसी समस्याओं से राहत मिल सकेगी।

उटंगन नदी जयपुर की बैराठ पहाड़ियों से निकलकर करौली क्षेत्र होते हुए 288 किमी बहती है और आगरा में यमुना से मिलती है। मानसून में यह लगभग 6 अरब घन मीटर जल प्रवाह लेकर आती है। इसे संचित कर भूजल पुनर्भरण, पेयजल आपूर्ति और बाढ़ नियंत्रण जैसे कार्यों में उपयोग किया जा सकता है।

सिविल सोसायटी ने प्रशासन से आग्रह किया है कि योजना को प्राथमिकता देते हुए अध्ययन कर जल संरक्षण की दिशा में ठोस कदम उठाए जाएँ। यह परियोजना क्षेत्र में जल संकट से राहत देने और पर्यावरण संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।

  • रिपोर्ट – सुशील गुप्ता
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