फतेहाबाद/आगरा। डीसीपी पूर्वी अभिषेक कुमार अग्रवाल ने बमरौली कटारा क्षेत्र में अग्रवन हेरिटेज यूनिवर्सिटी के छात्र-छात्राओं के साथ गुरुवार को एक बैठक आयोजित की जिसमें तीन नए कानून जिनमे भारतीय न्याय संहिता बीएनएस, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता बीएनएसएस और भारतीय साक्ष्य अधिनियम बीएसए के बारे में विस्तार से जानकारी दी। तथा लोगों को इसके बारे में जागरूक किया।
डीसीपी पूर्वी अभिषेक अग्रवाल ने बताया कि तीनों नए कानून क्रमश भारतीय दंड संहिता आईपीसी 1860, दंड प्रक्रिया संहिता सीआरपीसी 1973 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1872 की जगह लेंगे जिनका उद्देश्य दंड से हटकर न्याय सुनिश्चित करना है उन्होंने कहा कि नए कानून का मुख्य उद्देश्य अंग्रेजों द्वारा बनाए गए दंड केंद्रित कानून के बजाय पीड़ित केंद्रित और न्याय उन्मुख दृष्टिकोण अपनाना है । उन्होंने कहा कि पुलिस, वकीलों और जजों के लिए विभिन्न प्रक्रियाओं को पूरा करने हेतु समय सीमा निर्धारित की गई है। जिससे मामलों का निपटारा तेजी से हो सके तथा त्वरित न्याय सुनिश्चित हो।
भारतीय न्याय संहिता बीएनएस में संगठित अपराधों और आतंकवाद जैसे जघन्य अपराधों पर सख्त कार्यवाही के लिए नए और कड़े प्रावधान जोड़े गए हैं। उन्होंने बताया कि महिला सुरक्षा और बच्चों के खिलाफ होने वाले अपराधों जैसे सामूहिक दुष्कर्म और बच्चों के विरुद्ध अपराध को प्राथमिकता दी गई है। उनके लिए कड़े दंड का प्रावधान किया गया है। साथ ही उन्होंने बताया कि भारतीय साक्ष्य अधिनियम के तहत डिजिटल साक्ष को कानूनी रूप से मान्यता दी गई है।
जिसमें ईमेल, सर्वर लॉग ,कंप्यूटर, स्मार्टफोन डाटा शामिल है। उन्होंने कहा कि समाज में बदलाव लाने के लिए छात्रों और शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका है इसके लिए हमें जागरूकता फैलानी होगी। इस दौरान थाना अध्यक्ष हरीश कुमार, उपनिरीक्षक करण सिंह, अमरेश त्रिपाठी, आकांक्षा शर्मा, कंचन चौधरी, गोल्डी यादव कंचन आदि मौजूद रही।
- रिपोर्ट – सुशील गुप्ता





