आगरा। फतेहपुर सीकरी ब्लॉक की ग्राम पंचायत रौझौली इन दिनों बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार और घोटालों के आरोपों को लेकर सुर्खियों में है। ग्रामीणों और जागरूक नागरिक राजेंद्र सिंह निदर ने ग्राम प्रधान केशव देव सिंह पर करोड़ों रुपये की हेराफेरी, शासकीय भूमि पर अवैध कब्जा और योजनाओं की धनराशि में गड़बड़ी के गंभीर आरोप लगाए हैं।
आरोप है कि पंचायत भवन गाटा संख्या 206 पर बीस लाख रुपये खर्च दिखाकर निर्माण कराया गया लेकिन भवन वर्षों से ताला बंद पड़ा है और किसी भी ग्रामीण कार्य में उपयोग नहीं किया जा रहा। यही नहीं, टेलिया वाली पोखर पर सात लाख पचास हजार, बाबू ठोक पोखर पर सत्रह लाख और आम की पोखर पर पांच लाख रुपये खर्च दिखाए गए लेकिन वास्तविकता यह है कि सभी पोखर बदहाल स्थिति में हैं और वहां किसी तरह का सौंदर्यीकरण कार्य नहीं हुआ।
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि श्रमिकों के नाम पर भुगतान दिखाकर जेसीबी मशीन से खानापूर्ति कर कागज पूरे कर दिए गए। यही नहीं, नरेगा योजना में भी फर्जी मजदूरों के नाम पर धन निकाला गया और मिड डे मील में लाखों का घोटाला कर आंगनबाड़ी सहायिका व प्रधानाचार्य को दबाव में रखा गया। पीएम श्री योजना और कॉलोनी निर्माण में भी घटिया ईंट, कमजोर छड़ और निम्न स्तर का सीमेंट लगाकर गुणवत्ता से समझौता किया गया और लाभार्थियों से बीस हजार रुपये तक की रिश्वत वसूली गई।
ग्राम सभा की करोड़ों रुपये की भूमि, धर्मशाला, श्मशान और पुराने कुओं तक पर प्रधान व उसके समर्थकों ने कब्जा जमा लिया है और गांव की मुख्य सड़क पर पांच सौ मीटर तक अतिक्रमण कर लिया गया है। स्वास्थ्य केंद्र निर्माण में घटिया सामग्री का उपयोग हुआ है और गांव में जल निकासी व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है जिससे गंदगी और जलभराव की वजह से डेंगू, मलेरिया और टाइफाइड जैसी बीमारियों का खतरा लगातार बना हुआ है।
ग्रामीणों का आरोप है कि एडीओ पंचायत ने सीएम पोर्टल पर दर्ज शिकायत की जांच आधे अधूरे मन से की और ज्यादातर बिंदुओं पर केवल खानापूर्ति कर दी, जिससे यह साफ हो गया कि निचले स्तर तक अधिकारी भ्रष्टाचार की चपेट में हैं। शिकायतकर्ताओं ने जिलाधिकारी आगरा से इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कराने, गबन की गई धनराशि की वसूली, ग्राम सभा की भूमि से अवैध कब्जे हटवाने और ग्राम प्रधान की वित्तीय शक्तियां तत्काल समाप्त करने की मांग की है। ग्रामीणों का कहना है कि यह पूरा मामला हाइब्रिड करप्शन का जीता जागता उदाहरण है और यदि समय रहते कार्रवाई नहीं हुई तो गांव में विकास पूरी तरह चौपट हो जाएगा।
- रिपोर्ट – मुहम्मद इस्माइल