लखनऊ। योगी सरकार में दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री रघुराज सिंह ने मंगलवार को एक कार्यक्रम के दौरान मुस्लिम समुदाय, मस्जिदों और मदरसों को लेकर अत्यंत विवादित बयान दिया। दिल्ली ब्लास्ट पर पूछे गए सवाल के जवाब में मंत्री ने दावा किया कि “जितने भी आतंकवादी पकड़े गए हैं, वे मस्जिद और मदरसों से निकले हैं,” और इसी आधार पर उन्होंने मस्जिदों व मदरसों को बंद करने की मांग की। उनके इस बयान ने राजनीतिक और सामाजिक हलकों में तीखी प्रतिक्रिया पैदा कर दी है।

“जितना पढ़ा-लिखा मुसलमान, उतना बड़ा आतंकवादी”—बयान पर बढ़ा विवाद

रघुराज सिंह ने आरोप लगाया कि पढ़े-लिखे मुसलमान आतंकवाद में अधिक शामिल होते हैं। उन्होंने उदाहरण देते हुए ओसामा बिन लादेन का जिक्र किया और कहा कि “वह बीटेक–एमटेक था और अमेरिका पर हमला किया था।” उन्होंने आरोप लगाया कि दिल्ली ब्लास्ट की किसी भी मुस्लिम धर्मगुरु ने निंदा नहीं की, जिससे “उनकी मिलीभगत” साबित होती है।

एएमयू पर भी लगाए आरोप, जांच की मांग

मंत्री ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) को भी निशाने पर लिया और कहा कि यहां से “बड़े आतंकवादी” निकलने का आरोप लगाया जाता रहा है। उन्होंने एएमयू की जांच की मांग की और कहा कि “देश में किसी भी अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थान की आवश्यकता नहीं है।”

उन्होंने आरोप लगाया कि “अल्पसंख्यक संस्थानों के नाम पर अत्याचार और गलत गतिविधियां होती हैं” तथा मस्जिदों पर ताला लगाने और मदरसों को बंद करने की बात कही।

न्यूयॉर्क के मेयर पर भी निशाना

रघुराज सिंह ने न्यूयॉर्क के नए मेयर ज़ोहरान ममदानी पर भी आरोप लगाया कि वे “धर्म परिवर्तन कराने में शामिल हैं।” उन्होंने दावा किया कि “उनके फैसलों से न्यूयॉर्क के बड़े कारोबारी शहर छोड़ रहे हैं।” गौरतलब है कि ममदानी, भारतीय-अमेरिकी फिल्म निर्देशक मीरा नायर और शिक्षाविद् महमूद ममदानी के बेटे हैं।

फारूक अब्दुल्ला पर कड़ा हमला

पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला को लेकर भी मंत्री ने तीखा बयान दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि “अब्दुल्ला के कार्यकाल में ही आतंकवाद पनपा” और दावा किया कि “अगर कानून सख्त होता तो फारूक अब्दुल्ला को फांसी होनी चाहिए।” उन्होंने जम्मू-कश्मीर के लोगों को “लूटने” का आरोप भी लगाया।

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