वाराणसी। समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता शिवपाल सिंह यादव ने वाराणसी दौरे के दौरान प्रदेश और केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने लखनऊ में दलित बुजुर्ग के साथ हुई अमानवीय घटना को लेकर कहा कि यह “निंदनीय और अक्षम्य कृत्य” है। शिवपाल यादव ने आरोप लगाया कि भाजपा और आरएसएस के लोगों का यही असली चेहरा है। उन्होंने कहा कि ये संगठन समाज और देश के हित में किसी भी रूप में काम नहीं कर रहे हैं।
सपा नेता ने मांग की कि इस घटना में शामिल दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाए। उन्होंने जनता से अपील की कि भाजपा और आरएसएस के लोगों को सत्ता से बाहर करने का काम करें।
छठ पर्व के दौरान रेलवे स्टेशनों पर भारी भीड़ को लेकर भी उन्होंने सरकार को घेरा। शिवपाल यादव ने कहा कि “हर साल सरकार विशेष ट्रेनों का दावा करती है, लेकिन हकीकत यह है कि यह सब दिखावा और प्रचार भर है। भाजपा झूठे वादों और प्रचार के सहारे चल रही है, जबकि जनता को कोई वास्तविक सुविधा नहीं मिल रही।”
बसपा सुप्रीमो मायावती के हालिया बयानों पर प्रतिक्रिया देते हुए शिवपाल यादव ने कहा कि “प्रदेश में दलितों, किसानों और युवाओं का उत्पीड़न बढ़ा है, रोजगार के अवसर नहीं हैं और सरकार हर मोर्चे पर विफल है। मायावती अब भाजपा से मिली हुई हैं और उसी के इशारे पर बयानबाजी कर रही हैं।”
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को ‘श्रीराम विरोधी’ कहे जाने पर शिवपाल यादव ने पलटवार किया। उन्होंने कहा, “ये लोग सिर्फ राम के नाम पर राजनीति करते हैं, जबकि भगवान श्रीराम के आदर्शों का पालन करने की इनमें नीयत नहीं है। ये राम के नाम पर उल्टा काम करते हैं।”
अखिलेश यादव के दीपोत्सव और क्रिसमस से जुड़े बयानों पर उन्होंने कहा कि “हर व्यक्ति को अपने धर्म का पालन करने की स्वतंत्रता है और संविधान में इसकी गारंटी दी गई है। नेताओं को ऐसे कदम उठाने चाहिए जो समाज में सौहार्द और एकता का संदेश दें।”
अंत में उन्होंने कहा कि अयोध्या में दीप जलाने और घाटों के विकास की परंपरा समाजवादी सरकार ने ही शुरू की थी, लेकिन भाजपा केवल श्रेय लेने में व्यस्त रहती है। “वास्तविक विकास कार्य सपा सरकार के समय हुए, भाजपा केवल प्रचार कर रही है,” शिवपाल यादव ने कहा।

