आगरा: आगरा में इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) के नाम पर बड़े पैमाने पर टैक्स चोरी का सनसनीखेज मामला सामने आया है। केंद्रीय क्षेत्राधिकार में रजिस्टर्ड कई फर्मों ने अस्तित्वहीन और फर्जी फर्मों का सहारा लेकर सुनियोजित तरीके से बोगस ITC का लाभ उठाया, जिससे सरकारी राजस्व को भारी नुकसान हुआ।
संयुक्त आयुक्त (कार्यपालक), राज्य कर आगरा संभाग-बी गोपाल तिवारी के निर्देश पर लोहामंडी थाने में चार फर्जी फर्मों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है। जांच में पता चला कि इन फर्मों का जीएसटी रजिस्ट्रेशन कूटरचित दस्तावेजों से कराया गया था। न तो कोई वास्तविक खरीद हुई और न ही कोई सेवा ली गई, फिर भी कागजी लेन-देन दिखाकर फर्जी इनवर्ड सप्लाई दर्शाई गई। इसी आधार पर इन फर्मों ने अवैध ITC क्लेम किया और अपनी आउटवर्ड सप्लाई की टैक्स लायबिलिटी चुकाने में इसका इस्तेमाल किया।
यह कार्रवाई जीएसटी अधिनियम की धारा 16 का खुला उल्लंघन है, जिसमें बिना वास्तविक सप्लाई के ITC क्लेम करना पूरी तरह अवैध है।
FIR दर्ज फर्में और मालिक:
- रितेश एंटरप्राइजेज – स्वामी: रितेश सिंह, निवासी ताजगंज, आगरा
- मनीषा एंटरप्राइजेज – स्वामिनी: मनीषा मोतीलाल गेहानी, निवासी आगरा कैंट, मधु नगर
- सुखमनी ट्रेडर्स – स्वामिनी: सोनिया रानी, निवासी देवरी रोड, गोपालपुरा, आगरा
- जोनी ट्रेडर – स्वामी: जोनी कुमार, निवासी ताजनगरी-2, ताजगंज, आगरा
विभाग अब इन फर्मों से जुड़े पूरे नेटवर्क की गहन जांच कर रहा है। अधिकारियों का मानना है कि यह मामला सिर्फ इन चार फर्मों तक सीमित नहीं, बल्कि इसके पीछे फर्जी ITC का एक बड़ा संगठित रैकेट हो सकता है। सभी दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी और जीरो टॉलरेंस पॉलिसी अपनाई जाएगी।
लोकल कनेक्शन: आगरा में हाल के वर्षों में जीएसटी फ्रॉड के कई मामले सामने आ चुके हैं, जैसे फर्जी फर्मों से करोड़ों की ITC चोरी। यह नया मामला टैक्स चोरी के खिलाफ विभाग की सतर्कता को दिखाता है।





