अलीगढ़: उत्तर प्रदेश के आगरा जिले के खैर क्षेत्र में ध्वनि प्रदूषण और ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन पर लगाम लगाने के लिए ट्रैफिक पुलिस ने मंगलवार को जोरदार कार्रवाई की। सीओ वरुण कुमार सिंह के नेतृत्व में ऑटो पार्ट्स दुकानों पर छापेमारी के दौरान बिना जाली वाले करीब 300 प्रतिबंधित मॉडिफाइड साइलेंसर जब्त किए गए। ये साइलेंसर मुख्य रूप से रॉयल एनफील्ड बुलेट बाइकों के लिए थे, जो पटाखे जैसी तेज आवाज पैदा करते हैं और पर्यावरण व कानून दोनों का उल्लंघन करते हैं।

छापेमारी का विवरण: 3 नवंबर को शिकंजा कसा

  • कार्रवाई का दायरा: खैर थाना क्षेत्र की प्रमुख ऑटो पार्ट्स दुकानों पर पुलिस टीम ने छापा मारा। दुकानदारों से पूछताछ में पता चला कि ये साइलेंसर बिना किसी सुरक्षा जाली के बेचे जा रहे थे, जो वाहनों की गति और सुरक्षा को खतरे में डालते हैं।
  • कानूनी आधार: मोटर व्हीकल एक्ट 1988 की धारा 190(2) के तहत मॉडिफाइड साइलेंसरों पर सख्त प्रतिबंध है। इन्हें लगाने पर 1,000 से 5,000 रुपये तक जुर्माना और वाहन सीज हो सकता है। हाईकोर्ट के आदेशों के बाद UP में ऐसी कार्रवाइयां तेज हो गई हैं।
  • प्रभाव: स्थानीय लोगों ने बताया कि इन साइलेंसरों से निकलने वाली तेज आवाज से स्कूल, अस्पताल और आवासीय इलाकों में परेशानी हो रही थी।

नष्ट करने की प्रक्रिया: दुकानदारों की स्वेच्छा से रोड रोलर चला

4 नवंबर दोपहर को दुकानदारों ने अपनी गलती मानते हुए कोतवाली परिसर के सामने मैदान में 300 साइलेंसरों को रोड रोलर से कुचलवाकर नष्ट कराया। यह कदम पुलिस की सख्ती और व्यापारियों की जागरूकता का नतीजा था। मौके पर खैर ट्रैफिक इंचार्ज वरुण कुमार सिंह, इंस्पेक्टर दुष्यंत तिवारी और मदन मुरारी द्विवेदी सहित पुलिस टीम मौजूद रही।

सीओ वरुण कुमार सिंह ने कहा,

“यह कार्रवाई ध्वनि प्रदूषण रोकने और ट्रैफिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए है। आगे भी ऐसी छापेमारियां जारी रहेंगी। दुकानदारों का सहयोग सराहनीय है।”

व्यापारियों की अपील: “भविष्य में प्रतिबंधित सामान न बेचें”

ऑटो पार्ट्स व्यापारी संघ के अध्यक्ष सुरेश राणा ने सभी दुकानदारों से अपील की:

“प्रतिबंधित या मॉडिफाइड साइलेंसरों की बिक्री पूरी तरह बंद करें। इससे शहर में शांति बनी रहेगी और ट्रैफिक उल्लंघन पर अंकुश लगेगा। हम सभी मिलकर कानून का पालन करेंगे।”

व्यापारियों ने कहा कि वे अब केवल स्टैंडर्ड पार्ट्स बेचेंगे और ग्राहकों को जागरूक करेंगे।

क्यों हैं मॉडिफाइड साइलेंसर खतरनाक? तथ्य और आंकड़े

समस्या प्रभाव कानूनी सजा
ध्वनि प्रदूषण 100 डेसिबल से ज्यादा आवाज, कान/मानसिक स्वास्थ्य को नुकसान; WHO लिमिट 70 डेसिबल जुर्माना + वाहन सीज
सुरक्षा खतरा बिना जाली के साइलेंसर से गर्मी बढ़ती, दुर्घटना का जोखिम MV एक्ट धारा 190(2): 1-5K ₹
पर्यावरण प्रभाव ईंधन की बर्बादी, प्रदूषण बढ़ना पर्यावरण कानून उल्लंघन
UP में 2025 में अब तक 5,000+ ऐसी कार्रवाइयां हो चुकी हैं, जिसमें 20,000+ साइलेंसर नष्ट किए गए। आगरा जिले में ही 1,000 से ज्यादा चालान हुए।
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