फिरोजाबाद: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ड्रीम प्रोजेक्ट ‘मिशन शक्ति’ के फेज-5 के तहत नारी सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए शिकोहाबाद पुलिस ने अनूठी पहल की। आगरा यूनिवर्सिटी से एमए हिंदी साहित्य में टॉप करने वाली बीडीएम छात्रा प्रिंसी कुमारी को नवांगतुक थाने का एक दिन का प्रभारी थानेदार बनाया गया। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से स्वर्ण पदक प्राप्त इस मेधावी छात्रा ने थानेदार बनते ही सरकारी गाड़ी से शहर का भ्रमण किया, समस्याओं का जायजा लिया और जनसुनवाई कर त्वरित समाधान के निर्देश दिए। यह पहल न केवल युवतियों में नेतृत्व क्षमता जगाएगी, बल्कि सामाजिक जागरूकता भी बढ़ाएगी।
प्रिंसी कुमारी, जो एमए उत्तीर्ण हैं और हिंदी साहित्य में आगरा यूनिवर्सिटी से प्रथम स्थान हासिल कर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से सम्मानित हो चुकी हैं, ने थानेदार बनते ही सबसे पहले सरकारी वाहन से शहर का दौरा किया। भ्रमण के दौरान उन्होंने ट्रैफिक जाम की प्रमुख समस्या पर नजर डाली। दुकानों के बाहर अवैध रूप से खड़े वाहनों को हटाने के निर्देश देते हुए प्रिंसी ने अधीनस्थ पुलिसकर्मियों को सख्ती बरतने का आदेश दिया। उन्होंने अनाउंसमेंट के जरिए दुकानदारों को चेतावनी दी कि बेवजह वाहन न खड़े करवाएं। साथ ही, हथठेलों के लिए एक सुनिश्चित बाजार स्थल सुनिश्चित करने का सुझाव दिया, ताकि शहर में जाम से राहत मिल सके।
इसके अलावा, नाबालिग ई-रिक्शा चालकों को पकड़ने और उनके परिजनों को बुलाकर ई-रिक्शा मालिकों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए। प्रिंसी ने कहा, “शहर को व्यवस्थित बनाना हमारी जिम्मेदारी है। छोटी-छोटी समस्याओं का समाधान ही बड़ा बदलाव लाएगा।” थाने लौटकर उन्होंने जनसुनवाई की, जहां दो परिवारों के बीच बिगड़े रिश्तों को सुलझाया। एक दंपति के बीच सुलह करवाई और आपराधिक शिकायतों पर तत्काल टीम भेजकर कार्रवाई सुनिश्चित की। इस दौरान इंस्पेक्टर अनुज कुमार, इंस्पेक्टर क्राइम रंजना गुप्ता, आरजू चौधरी और अन्य पुलिस स्टाफ उनके साथ मौजूद रहे।
थाने का निरीक्षण: महिला शक्ति केंद्र से शस्त्रागार तक, वांछितों पर अभियान के आदेश
एक दिन की थानेदार के रूप में प्रिंसी ने थाने के विभिन्न विभागों का गहन निरीक्षण किया। उन्होंने महिला शक्ति केंद्र, थाना, शस्त्रागार, त्योहार रजिस्टर और वांछित रजिस्टर का अवलोकन किया। अधीनस्थों को वारंटियों को पकड़ने के लिए विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिए। प्रिंसी की यह पहल मिशन शक्ति के उद्देश्यों—महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन—को साकार करती नजर आई।
प्रोफेसर बनने का सपना: किसान पिता-गृहिणी मां का सहारा, एयरफोर्स भाई को प्रेरणा
प्रिंसी कुमारी का परिवार सादगी भरा है। उनके पिता प्रवेश कुमार किसान हैं, जबकि मां कुंती देवी गृहिणी। बड़े भाई कमल किशोर असम में एयरफोर्स में तैनात हैं, जबकि छोटे भाई शैलेन्द्र कुमार अभी पढ़ाई कर रहे हैं। तीसरे नंबर की प्रिंसी प्रोफेसर बनने का सपना देखती हैं और इसके लिए कड़ी मेहनत कर रही हैं। उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से प्रेरणा मिलती है। सबसे छोटी बहन शिल्पी भी पढ़ाई में रुचि रखती हैं। परिवार के लिए यह दिन गर्व का रहा। प्रिंसी ने कहा, “यह अनुभव मुझे जीवन में मजबूत बनाएगा। महिलाओं को आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करना ही असली सशक्तिकरण है।”
मिशन शक्ति फेज-5, जो नवरात्रि से शुरू होकर 90 दिनों तक चलेगा, के तहत全省 में 7500 छात्राओं को एक दिन के डीएम या थानेदार बनाने जैसी पहलें चल रही हैं। शिकोहाबाद पुलिस की यह कोशिश नारी शक्ति को नई दिशा दे रही है।