विश्व मच्छर दिवस पर गोष्ठी का आयोजन, मच्छर जनित रोगों से बचाव पर जोर

मथुरा।विश्व मच्छर दिवस के अवसर पर बुधवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय मथुरा में मच्छरों से फैलने वाले रोगों के प्रति जागरूकता बढ़ाने व बचाव और नियंत्रण के उपायों को प्रोत्साहित करने के लिए एक गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस गोष्ठी में अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आलोक कुमार, जिला प्रशासनिक अधिकारी डॉ. अनुज यादव, जिला क्षय रोग अधिकारी, जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. अनुज चौधरी और मलेरिया इकाई के कर्मचारी उपस्थित रहे।

जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. अनुज चौधरी ने गोष्ठी को संबोधित करते हुए बताया कि विश्व मच्छर दिवस प्रतिवर्ष 20 अगस्त को मनाया जाता है। इसका उद्देश्य मच्छरों से फैलने वाले रोगों के प्रति जागरूकता फैलाना साथ ही मच्छरों बचाव और नियंत्रण के उपायों को प्रोत्साहित करना है।

जिला मलेरिया अधिकारी बताया कि ने बताया कि बारिश आने से मौसम में बदलाव होता है। इस स्थिति में तापमान, वर्षा होने से जलवायु परिस्थितियां मच्छरों के प्रजनन के लिए अनुकूल हो जाती हैं। ऐसे में मच्छर जनित रोग जैसे- डेंगू, चिकनगुनियां इत्य़ादि बढ़ने लगते हैं। इससे बचाव के लिए इन मच्छरों को पनपने से रोकना जरूरी है। ऐसे में विभाग की ओर से जिला अस्पताल में दस बेड और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रो पर पांच-पांच बेड डेंगू के मरीजों के लिए आरक्षित हैं। जिससे कि डेंगू के मरीजों को समय से उपचार दिया जा सके।

अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आलोक कुमार ने अध्यक्षता करते हुए समस्त कर्मियों से माइक्रोप्लान के क्षेत्र भ्रमण कर गंभीरता से अपने दायित्वों का निर्वहन करने के निर्देश दिए। साथ ही गोष्ठी में विश्व मच्छर दिवस के आयोजन के विषय में और मच्छर जनित रोगों से बचाव और उपचार के विषय में विस्तार से चर्चा की। उन्होंने मच्छरों से बचाव हेतु जनता से अपील की कि वे पानी के बर्तनों को ढक कर रखें, सप्ताह में एक बार पानी के बर्तनों को खाली कर लें और मच्छरों से बचने के लिए मच्छर रोधी क्रीम, नीम का तेल, कडवा तेल का उपयोग करें।

उन्होंने यह भी कहा कि लोगों को बुखार होने पर नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र/स्वास्थ्य कार्यकर्ता से खून की जांच करानी चाहिए और दवा नियमित और पूरी खानी चाहिए।

मच्छरों से बचाव के लिए ध्यान रखने योग्य बातें
क्या करें—
पानी के बर्तन/ड्रम/टंकी आदि ढक कर रखें।
– सप्ताह में एक बार पानी के बर्तनों को खाली कर लें।
– जिन स्थानों में पानी का इकट्ठा होना रोका न जा सके, वहां पानी में कुछ बूंदें मिट्टी का तेल या ट्रैक्टर का जला मोबिल ऑइल डाल दें।
– मच्छरों से बचने के लिए सोते समय मच्छर रोधी क्रीम/नीम का तेल/कडवा तेल शरीर पर मलें/लगायें।
– सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें।
– ऐसे कपड़े पहनें जो शरीर को पूरा ढके रखें।
– बुखार होने पर नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र/स्वास्थ्य कार्यकर्ता से खून की जांच करायें।
– दवा नियमित और पूरी खायें।

क्या न करें—

– घर में व घर के आसपास टूटे बरतन, टायर, फूलदान, आदि बर्तनों में जलभराव न होने दें।
– बुखार आने पर नीम हकीम के पास न जायें।
– तेज बुखार उतारने के लिए एस्प्रिन या ब्रुफिन टैबलेट का इस्तेमाल न करें।
– खाली पेट दवा न खायें।

राहुल गौड एक अनुभवी पत्रकार हैं, जिन्हें प्रिंट और डिजिटल मीडिया में कार्य करने का 10 वर्षों से अधिक का अनुभव है। उत्तर प्रदेश के जनपद मथुरा में सक्रिय रहते हुए उन्होंने विभिन्न समाचार माध्यमों के लिए निष्पक्ष और प्रभावशाली रिपोर्टिंग की है। उनके कार्य में स्थानीय मुद्दों की गंभीर समझ और जनसरोकार से जुड़ी पत्रकारिता की झलक मिलती है।

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