लखनऊ (न्यूज डेस्क)। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ गई है। सुशांत गोल्फ सिटी थाना क्षेत्र में एक सफाईकर्मी की संदिग्ध मौत के मामले में हिरासत में लिए गए आरोपियों को पुलिस द्वारा छोड़ देने के बाद आक्रोशित भीड़ ने थाने पर हमला बोल दिया। गुस्साए लोगों ने थाने में घुसकर पुलिसकर्मियों पर पथराव और लाठियां बरसाईं, जिसमें कम से कम 10 पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हो गए। जवाब में पुलिस ने भारी लाठीचार्ज किया, जिसमें भीड़ के कई लोग भी जख्मी बताए जा रहे हैं। फिलहाल, वरिष्ठ अधिकारी समेत आसपास के थानों से भारी फोर्स तैनात कर दी गई है, और स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है।
घटना का पूरा ब्यौरा: कैसे भड़का बवाल?
घटना सुशांत गोल्फ सिटी थाना क्षेत्र के विद्यानगर कॉलोनी कटेरी बाग की है। मंगलवार सुबह (21 अक्टूबर) लूलू मॉल में सफाईकर्मी के रूप में काम करने वाले 45 वर्षीय अरुण कुमार रावत का शव कार्तिक गेस्ट हाउस में संदिग्ध हालत में बरामद हुआ था। अरुण कैंट थाना क्षेत्र के विजयनगर कॉलोनी के निवासी थे। परिजनों के मुताबिक, सोमवार रात से लापता अरुण पार्टी के बहाने कुछ दोस्तों के साथ गेस्ट हाउस गए थे, जहां नशेबाजी के दौरान विवाद हो गया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण ‘दम घुटना’ बताया गया है, लेकिन शव पर संघर्ष के कोई निशान नहीं मिले। पुलिस ने विसरा परीक्षण के लिए सैंपल लैब भेज दिया है।
परिजनों ने हत्या का शक जताते हुए पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया। अरुण के भाई की पत्नी रंजना रावत ने बताया, “हम इंसाफ के लिए थाने पहुंचे थे। पुलिस ने आरोपियों—अरुण के दोस्त और पश्चिम बंगाल के एक दंपति—को छोड़ दिया, जबकि हमें कोई कार्रवाई का भरोसा नहीं दिया।” इसी आक्रोश में मृतक के परिजन, स्थानीय निवासी और महिलाएं थाने का घेराव करने पहुंचे। बातचीत के दौरान मामला बिगड़ गया, और भीड़ ने थाने में घुसकर पुलिसकर्मियों पर हमला कर दिया। प्रत्यक्षदर्शी सन देवी ने कहा, “हम धरना दे रहे थे, लेकिन कुछ लोग लाठी-डंडों से लैस आ गए। पुलिस ने हमें लूलू मॉल तक दौड़ाया और बेरहमी से पीटा। सिर फूटे, पैर टूटे—किसी को नहीं बख्शा।”
पुलिस की कार्रवाई और घायलों की हालत
हमले में घायल 10 पुलिसकर्मियों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। एसएसपी लखनऊ ने बताया कि भीड़ में 20-25 लोग शामिल थे, जो आरोपी युवकों को छुड़ाने के प्रयास में पुलिस से भिड़ गए। वीडियो फुटेज में महिलाओं को पुलिस पर हमला करते और दो युवकों को छुड़ाते हुए देखा जा सकता है। जवाबी कार्रवाई में लाठीचार्ज के दौरान भीड़ के 5-6 लोग घायल हुए, जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। पुलिस ने मौके से कुछ संदिग्धों को हिरासत में लिया है, लेकिन नामों का खुलासा नहीं किया गया।
सुशांत गोल्फ सिटी थाना प्रभारी उपेंद्र सिंह ने कहा, “मौत संदिग्ध है, लेकिन प्रारंभिक जांच में हत्या की पुष्टि नहीं हुई। हम पूछताछ जारी रखेंगे।” इंस्पेक्टर अंजनी कुमार मिश्रा ने भी पुष्टि की कि फोर्स तैनात है और इलाके में गश्त बढ़ा दी गई है।
परिजनों का आरोप: ‘पुलिस संरक्षण दे रही है अपराधियों को’
अरुण की पत्नी और परिवार ने पुलिस पर पक्षपात का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि आरोपी अमीर घराने के हैं, जबकि अरुण एक गरीब सफाईकर्मी था। परिवार ने जिलाधिकारी से मिलकर न्याय की गुहार लगाई है। एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया, “पुलिस ने पहले तो केस दर्ज नहीं किया, फिर आरोपियों को रिहा कर दिया। यह अन्याय है।”
सोशल मीडिया पर हंगामा: वीडियो वायरल
घटना के वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे हैं। एक वीडियो में पुलिस और युवकों के बीच झड़प साफ दिख रही है, जबकि दूसरे में महिलाओं का हमला कैद है। एक्स (पूर्व ट्विटर) पर #लखनऊ_पुलिस_हमला और #सफाईकर्मी_मौत जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं। यूजर्स पुलिस की लापरवाही पर सवाल उठा रहे हैं।
आगे की जांच और अपील
पुलिस ने मामले में एफआईआर दर्ज कर ली है और विसरा रिपोर्ट का इंतजार कर रही है। वरिष्ठ अधिकारी घटनास्थल का निरीक्षण कर चुके हैं। डीसीपी निपुण अग्रवाल ने शांति की अपील की है और कहा कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। परिजनों ने चेतावनी दी है कि अगर न्याय नहीं मिला, तो बड़ा आंदोलन होगा।






