एटा: उत्तर प्रदेश के एटा जिले में साइबर अपराधियों का नया तांता लग गया है। साइबर ठगों ने एक सेना के जवान को एप डाउनलोड कराने के बहाने और एक उपनिरीक्षक का बैंक खाता हैक कर लाखों रुपये की ठगी की है। दोनों मामलों में पीड़ितों ने साइबर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है, और साइबर क्राइम टीम ने जांच शुरू कर दी है। सीओ सदर संजय कुमार सिंह ने बताया कि ठगों की लोकेशन ट्रैक करने और खातों को फ्रीज करने की प्रक्रिया चल रही है।
पहला मामला: सेना के सूबेदार धनीराम को 2.10 लाख की चपत
मोहल्ला अबंतीबाई नगर निवासी धनीराम (सेना में सूबेदार) छुट्टी पर घर लौटे थे। 13 अक्टूबर को टीवी सेट टॉप बॉक्स का रीचार्ज करने के बाद भी चैनल न आने पर उन्होंने गूगल से हेल्पलाइन नंबर सर्च किया और कॉल की। ठगों ने कहा कि दूसरे नंबर से कॉल आएगा, तो बताए निर्देशों का पालन करें—चैनल आ जाएंगे।
कॉल कटते ही दूसरे नंबर से फोन आया। ठगों ने बैंक खाते की डिटेल मांगी और “10 रुपये का रीचार्ज” करने को कहा। धनीराम ने फोन पर दिए निर्देशों का पालन किया। फिर भी समस्या न सुलझने पर ठगों ने “हेल्पडेस्क होस्ट” नामक संदिग्ध ऐप डाउनलोड कराया। इसके जरिए पहले दिन (13 अक्टूबर) दो बार में करीब 1.10 लाख रुपये, और अगले दिन (14 अक्टूबर) 1 लाख रुपये निकाल लिए। मैसेज आने पर ठगी का पता चला। धनीराम ने तुरंत साइबर थाने में शिकायत दर्ज कराई।
यह मामला देशभर में फैले साइबर ठगी के पैटर्न से मेल खाता है, जहां ठग हेल्पलाइन या तकनीकी सहायता के बहाने ऐप या लिंक डाउनलोड करवाते हैं। हाल के आंकड़ों के अनुसार, उत्तर प्रदेश में ही पिछले आठ महीनों में साइबर ठगों ने 116 करोड़ रुपये की ठगी की है, जिसमें ऐप-बेस्ड फ्रॉड प्रमुख हैं।
दूसरा मामला: उपनिरीक्षक सतेंद्र सिंह का खाता हैक, 1 लाख उड़ा
कोतवाली देहात में तैनात उपनिरीक्षक सतेंद्र सिंह ने भी साइबर ठगी का शिकार बनने की रिपोर्ट दर्ज कराई। 7 सितंबर को ठगों ने उनका बैंक खाता हैक कर लिया और 1 लाख रुपये निकाल लिए। मैसेज अलर्ट आने पर सतेंद्र को भनक लगी। उन्होंने तुरंत साइबर थाने में FIR दर्ज कराई। जांच में पता चला कि ठगों ने फिशिंग लिंक या वायरस के जरिए खाता हैक किया था।
सतेंद्र सिंह जैसे पुलिस अधिकारी का शिकार होना साइबर क्राइम की गंभीरता को दर्शाता है। हाल ही में लखनऊ में DGP कार्यालय के एक अधिकारी के साथ भी इसी तरह 46,000 रुपये की ठगी हुई थी, जहां फर्जी लिंक पर क्लिक करने से खाता खाली हो गया।
मामला | पीड़ित | ठगी की राशि | तरीका | तारीख |
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सेना जवान | धनीराम (सूबेदार) | 2.10 लाख | हेल्पडेस्क होस्ट ऐप डाउनलोड | 13-14 अक्टूबर 2025 |
उपनिरीक्षक | सतेंद्र सिंह | 1 लाख | खाता हैक (फिशिंग) | 7 सितंबर 2025 |
पुलिस की कार्रवाई और सलाह
सीओ सदर संजय कुमार सिंह ने कहा, “दोनों FIR दर्ज हो चुकी हैं। साइबर क्राइम टीम IP ट्रैकिंग, बैंक ट्रांजेक्शन और मोबाइल लोकेशन पर काम कर रही है। ठगों के खाते फ्रीज करने की कोशिश हो रही है।” उन्होंने लोगों को चेतावनी दी कि अज्ञात कॉल या ऐप डाउनलोड से बचें। ठगी होने पर तुरंत 1930 हेल्पलाइन या cybercrime.gov.in पर शिकायत करें—पैसे वापस मिलने की संभावना 16% तक बढ़ जाती है।
एटा में साइबर क्राइम के मामले बढ़ रहे हैं। पिछले महीने ही जिले में 20 से ज्यादा शिकायतें दर्ज हुईं, जिनमें से आधे ऐप या लिंक-बेस्ड थे। विशेषज्ञों का कहना है कि जागरूकता ही सबसे बड़ा हथियार है।
- रिपोर्ट – सुनील गुप्ता