रायबरेली। उत्तर प्रदेश की सियासत में एक बार फिर हंगामा मच गया है। राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी (RSSP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य को थप्पड़ मारने वाले रोहित द्विवेदी को सवर्ण आर्मी की ओर से ₹11 लाख का चेक देकर सम्मानित किया गया है।
इसके साथ ही, चेक देने वाले आशीष तिवारी ने ऐलान किया कि सनातन धर्म के खिलाफ बोलने वालों को जूता मारने वाले को ₹21 लाख का इनाम दिया जाएगा। यह घटना यूपी की राजनीति में नए विवाद को जन्म दे रही है।
रायबरेली में हुआ था थप्पड़ कांड
6 अगस्त 2025 को रायबरेली के सिविल लाइंस इलाके में स्वामी प्रसाद मौर्य एक कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे। समर्थकों द्वारा फूल-माला पहनाकर स्वागत के दौरान रोहित द्विवेदी और शिवम यादव ने मौर्य को पीछे से थप्पड़ जड़ दिया। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ। गुस्साए समर्थकों ने दोनों हमलावरों को पकड़कर उनकी जमकर पिटाई की, जिसके बाद पुलिस ने दोनों को हिरासत में ले लिया।
रोहित द्विवेदी ने पुलिस को बताया कि स्वामी प्रसाद मौर्य के सनातन धर्म और भगवान राम के खिलाफ बार-बार दिए गए बयानों से वह नाराज थे, जिसके चलते उन्होंने यह कदम उठाया। रोहित ने खुद को करणी सेना का सदस्य बताया।
रक्षाबंधन पर जेल से रिहा
रक्षाबंधन के दिन रोहित द्विवेदी और शिवम यादव को जेल से रिहा किया गया। रिहाई के बाद सवर्ण आर्मी के आशीष तिवारी ने रोहित को ₹11 लाख का चेक देकर सम्मानित किया। तिवारी ने यह भी घोषणा की कि सनातन धर्म के खिलाफ बोलने वालों को जूता मारने वाले को ₹21 लाख का इनाम दिया जाएगा। इस घोषणा ने सियासी हलकों में तीखी प्रतिक्रिया को जन्म दिया है।
स्वामी प्रसाद मौर्य की प्रतिक्रिया
स्वामी प्रसाद मौर्य ने इस घटना को सियासी साजिश करार देते हुए योगी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि बीजेपी के पोषित गुंडों को खुली छूट दी जा रही है, जिसके चलते कानून-व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है। मौर्य ने करणी सेना और सवर्ण संगठनों पर हमले का आरोप लगाया और इसे उनकी बढ़ती सियासी सक्रियता के खिलाफ साजिश बताया।
विवादों से पुराना नाता
स्वामी प्रसाद मौर्य का विवादों और हमलों से पुराना रिश्ता रहा है। उनके रामचरितमानस और सनातन धर्म पर दिए गए बयानों ने करणी सेना और सवर्ण संगठनों को नाराज किया है। इससे पहले भी उन पर जूता फेंकने और हमले की घटनाएं हो चुकी हैं:
21 अगस्त 2023, लखनऊ: एक OBC महासम्मेलन में आकाश सैनी नामक युवक ने मौर्य पर जूता फेंका।
4 मई 2024, आगरा: एक जनसभा के दौरान मौर्य पर जूतों की बारिश हुई थी।
इनाम की घोषणा पर विवाद
शंकराचार्य परिषद के अध्यक्ष और शांभवी पीठाधीश्वर स्वामी आनंद स्वरूप ने भी रोहित द्विवेदी को ₹51,000 का इनाम देने की घोषणा की थी। उन्होंने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा कि रामचरितमानस को फाड़ने वाले और सनातन धर्म का अपमान करने वाले मौर्य को थप्पड़ मारने वाला कोई भी पराक्रमी युवक सम्मानित किया जाएगा।
इसके अलावा, आशीष तिवारी द्वारा ₹11 लाख के चेक और जूता मारने पर ₹21 लाख के इनाम की घोषणा ने विवाद को और हवा दी है। स्वामी प्रसाद मौर्य ने इसे बीजेपी और सवर्ण संगठनों की साजिश बताते हुए कहा कि यह लोकतंत्र और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला है।
सियासी माहौल गरमाया
इस घटना ने उत्तर प्रदेश की सियासत में नया तूफान खड़ा कर दिया है। मौर्य की राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी (RSSP) द्वारा OBC, दलित और अल्पसंख्यकों के मुद्दे उठाने के बाद उनकी सक्रियता ने कई सियासी विरोधियों को चौकन्ना कर दिया है। कुछ का मानना है कि यह हमला उनकी बढ़ती लोकप्रियता को रोकने की कोशिश हो सकती है, जबकि अन्य इसे सनातन धर्म के अपमान का जवाब मान रहे हैं।
पुलिस ने इस मामले में जांच शुरू कर दी है और हमलावरों के कथित करणी सेना कनेक्शन की पड़ताल कर रही है। इस घटना से रायबरेली में तनाव का माहौल है, और पुलिस ने इलाके में सुरक्षा बढ़ा दी है।
स्वामी प्रसाद मौर्य पर हमला और हमलावरों को इनाम देने की घोषणा ने यूपी की राजनीति में एक नया विवाद छेड़ दिया है। यह घटना न केवल मौर्य की सियासी पारी पर सवाल उठा रही है, बल्कि सनातन धर्म और सामाजिक तनाव के मुद्दों को भी हवा दे रही है। सवाल यह है कि क्या यह विवाद मौर्य की पार्टी RSSP को कमजोर करेगा, या इसे नई ताकत देगा?
______________