लखनऊ। ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन के तत्वावधान में एआई फॉर डिजिटल रेडीनेस एंड एडवांसमेंट (एडीरा) कार्यक्रम के अंतर्गत आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) पर विशेष प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन श्री शारदा ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के प्रोजेक्टर रूम में किया गया। यह हाइब्रिड (ऑनलाइन-ऑफलाइन) कार्यशाला 22 नवंबर को आयोजित हुई, जिसमें ग्रामीण और शहरी पत्रकारों ने सक्रिय भागीदारी निभाई।

कार्यशाला का उद्घाटन एसोसिएशन के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष अतुल कपूर, लखनऊ मंडलाध्यक्ष अखिलेश सिंह तथा एआई के मास्टर ट्रेनर डॉ. निमिष कपूर ने संयुक्त रूप से सरस्वती पूजन और मंगलदीप प्रज्वलित करके किया। इस अवसर पर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र नाथ सिंह, संस्थान के डीन प्रोफेसर विवेक मिश्रा, श्री शारदा ग्रुप के निदेशक डॉ. ए.के. श्रीवास्तव तथा अन्य वरिष्ठ पत्रकार आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहे।
कार्यशाला के संयोजक एवं संस्थान के डीन प्रोफेसर विवेक मिश्रा ने ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन की ओर से मुख्य अतिथियों एवं विशिष्ट अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट किए। एआई जागरूकता कार्यशाला का संचालन वैज्ञानिक और एडीरा के मास्टर ट्रेनर डॉ. निमिष कपूर ने किया।

इस ऑनलाइन-हाइब्रिड कार्यशाला में सहभागिता के लिए 62 लोगों ने आवेदन किया था। इनमें से 54 पत्रकारों को चयनित किया गया, जिनमें प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के अनुभवी पत्रकारों के साथ-साथ युवा प्रशिक्षु पत्रकार भी शामिल थे।
डॉ. कपूर ने बताया कि एआई फॉर डिजिटल रेडीनेस एंड एडवांसमेंट (एडीरा) कार्यक्रम के अंतर्गत देश भर में विशेषज्ञों और प्रशिक्षकों के माध्यम से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की जन-समझ और व्यावहारिक ज्ञान के लिए प्रशिक्षण आयोजित किए जा रहे हैं। इसका उद्देश्य भारत में एआई साक्षरता को बढ़ावा देना और युवाओं को जिम्मेदार व प्रभावी ढंग से एआई के प्रयोग हेतु सक्षम बनाना है। ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन को इन कार्यशालाओं को आयोजित करने के लिए अधिकृत किया गया है।
डॉ. कपूर ने वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की फ्यूचर ऑफ जॉब्स रिपोर्ट 2025 का हवाला देते हुए बताया कि भारत में वर्ष 2030 तक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, बिग डेटा विशेषज्ञ और साइबर सिक्योरिटी प्रबंधन विशेषज्ञ जैसी तकनीकी भूमिकाओं की मांग में तेजी से वृद्धि होगी। उन्होंने आंकड़ों के माध्यम से प्रमाणित करते हुए कहा कि लोग यह गलत धारणा बना रहे हैं कि एआई के प्रयोग से नौकरियों को खतरा बढ़ेगा। वास्तव में, एआई नई अवसर पैदा करेगा और पत्रकारिता जैसे क्षेत्रों में उत्पादकता बढ़ाएगा।

प्रशिक्षण में प्रतिभाग कर रहे प्रिंट मीडिया और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के पत्रकारों एवं प्रशिक्षु पत्रकारों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मूल बातें, जेनरेटिव एआई एवं प्रॉम्प्टिंग तकनीक, एआई टूल्स व एप्लीकेशन, एआई एथिक्स व रिस्क मैनेजमेंट जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर विस्तृत जानकारी दी गई। प्रतिभागियों ने हाथों-हाथ डेमो सेशन के माध्यम से चैटजीपीटी, मिडजर्नी जैसे टूल्स का उपयोग सीखा।
डॉ. कपूर ने कहा, “एडीरा कार्यक्रम के अंतर्गत कार्यशालाएं पूरी तरह निःशुल्क आयोजित की जाती हैं। भारत सरकार की डिजिटल साक्षरता को बढ़ावा देने की मंशा के अनुरूप एडीरा कार्यक्रम का आयोजन एशियाई वेंचर फिलैंथ्रोपी नेटवर्क, गूगल और एशियन डेवलपमेंट बैंक द्वारा समन्वित रूप से किया जा रहा है। ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन इस पहल से ग्रामीण भारत के पत्रकारों को डिजिटल युग के लिए तैयार कर रहा है।”
कार्यशाला के अंत में प्रतिभागियों को प्रमाण-पत्र वितरित किए गए। एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र नाथ सिंह ने कहा, “यह कार्यशाला ग्रामीण पत्रकारिता को मजबूत बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। आने वाले महीनों में और अधिक कार्यशालाओं का आयोजन किया जाएगा।”
यह कार्यशाला न केवल पत्रकारों के लिए लाभकारी रही, बल्कि एआई की बढ़ती भूमिका पर जागरूकता फैलाने में भी सफल साबित हुई। अधिक जानकारी के लिए ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन की आधिकारिक वेबसाइट या सोशल मीडिया हैंडल्स से संपर्क किया जा सकता है।
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