आगरा। सोशल मीडिया पर बढ़ते साइबर अपराध का एक चौंकाने वाला मामला थाना सिकंदरा क्षेत्र से सामने आया है, जहां एक महिला से ऑनलाइन निवेश के नाम पर 5 करोड़ 95 लाख रुपये की भारी भरकम ठगी कर ली गई। फेसबुक पर आए एक लिंक से शुरू हुई यह धोखाधड़ी महिला को व्हाट्सऐप ग्रुप और फर्जी निवेश एप्लिकेशनों की भूलभुलैया में ले गई। पीड़िता ने साइबर क्राइम थाने में मामला दर्ज कराया है और सभी सबूत पुलिस को सौंप दिए हैं। मामला बड़े साइबर गैंग की सक्रियता की ओर संकेत दे रहा है।
थाना सिकंदरा निवासी पूनम तिवारी ने बताया कि फेसबुक पर आए एक विज्ञापन लिंक पर क्लिक करते ही उन्हें एक व्हाट्सऐप ग्रुप में जोड़ लिया गया। स्वयं को विशेषज्ञ बताने वाले लोगों ने उन्हें SBI Securities, SDAMC–Standard Chartered India और एक अन्य ‘इन्वेस्टमेंट ऐप’ पर निवेश करने का प्रस्ताव दिया। इन ऐप्स के डैशबोर्ड पर मुनाफा तेजी से बढ़ता हुआ दिखाई देता रहा था । बढ़ते आंकड़े देखकर उन्हें यकीन हो गया कि निवेश सुरक्षित है। इसी भरोसे में उन्होंने धीरे-धीरे करोड़ों रुपये निवेश कर दिए।
चार खातों से निकले 5.95 करोड़ रुपये
पीड़िता के अनुसार 24 सितंबर से 27 नवंबर 2025 के बीच HDFC बैंक के करेंट व सेविंग अकाउंट, एक्सिस बैंक और पंजाब नेशनल बैंक के खातों से कुल ₹5,95,27,500 विभिन्न संदिग्ध बैंक खातों में ट्रांसफर किए गए। आरोपियों की ओर से हर बार नया बैंक खाता भेजा जाता था, जिससे किसी तरह का संदेह पैदा नहीं हुआ।
विदड्रॉल पर मांगी ‘मैनेजमेंट फीस’, यहीं खुल गया खेल
जब पूनम तिवारी ने निवेश पर दिखाई जा रही राशि को निकालने का प्रयास किया तो उनसे ‘मैनेजमेंट फीस’ और अन्य चार्ज मांगे गए। फीस देने के बाद भी पैसा नहीं आया और धीरे-धीरे सभी नंबर बंद हो गए। संपर्क टूटते ही उन्हें समझ आया कि यह पूरा खेल फर्जी था और वे एक बड़े साइबर गैंग के निशाने पर थीं।
साइबर पोर्टल पर शिकायत, पुलिस जांच में जुटी
पीड़िता ने 1 दिसंबर 2025 को साइबर क्राइम पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने पुलिस को बैंक ट्रांजैक्शन डिटेल, फर्जी ऐप्स के स्क्रीनशॉट, व्हाट्सऐप चैट, संदिग्धों के मोबाइल नंबर व अन्य तकनीकी प्रमाण प्रदान किए। पुलिस ने मामले की विस्तृत जांच शुरू कर दी है, साथ ही बैंक खातों को ट्रैक करने व रकम रिकवरी की प्रक्रिया आगे बढ़ाई जा रही है।
गिरोह की पहचान और धनवापसी की मांग
पीड़िता का कहना है कि इतनी बड़ी ठगी बिना संगठित साइबर नेटवर्क के संभव नहीं है। उन्होंने पुलिस से आरोपियों की पहचान कर कठोर कार्रवाई और उनकी रकम वापस कराने की मांग की है।
साइबर सेल ने दी सावधानी बरतने की सलाह
पुलिस अधिकारियों ने कहा कि सोशल मीडिया पर आए किसी भी लिंक, विज्ञापन या ऑफर पर बिना जांच-परख क्लिक न करें। किसी निवेश ग्रुप या अनजान ऐप पर बिल्कुल भरोसा न करें। किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर तुरंत हेल्पलाइन 1930 पर सूचना दें।





