आगरा: ताजमहल की खूबसूरती को और निखारने के लिए इसके परिसर में पूर्वी दिशा में लाल पत्थर से बनी ऐतिहासिक मेहमानखाना इमारत का जीर्णोद्धार होगा। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने इसके लिए करीब 80 लाख रुपये के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इस राशि से इमारत के गुंबद, दीवारों और फर्श की मरम्मत कर इसे फिर से आकर्षक बनाया जाएगा। ताजमहल के वरिष्ठ संरक्षण सहायक प्रिंस बाजपेई ने बताया कि मंजूरी मिलने के बाद जल्द ही काम शुरू कराया जाएगा।
मेहमानखाने का ऐतिहासिक महत्व
मुगलकालीन शैली में बनी यह इमारत ताजमहल परिसर का महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसका उपयोग मुमताज महल की याद में आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में शामिल होने वाले अतिथियों के ठहरने के लिए किया जाता था। लंबे समय तक यह मेहमाननवाजी का केंद्र रहा, जहां मुसाफिरों और विशिष्ट लोगों की आवभगत होती थी। वर्तमान में इसकी देखरेख का जिम्मा ASI के पास है। ताजमहल के मुख्य स्मारक की तरह यह इमारत भी पर्यटकों के आकर्षण का हिस्सा है, लेकिन इसकी खराब स्थिति पर्यटकों को निराश करती थी।
खराब स्थिति: सीलन, टूटा प्लास्टर और कबूतरों का कब्जा
मेहमानखाने की हालत लंबे समय से खराब थी। गुंबद में सीलन की समस्या थी, दीवारों का पुराना प्लास्टर टूट रहा था, और फर्श भी जर्जर हो चुका था। पर्यटक ताजमहल की भव्यता देखने के बाद इस इमारत की बदहाली से मायूस हो रहे थे। इसके अलावा, गुंबद में कबूतरों को रोकने के लिए लगाए गए जाल भी फट गए थे, जिसके कारण कबूतरों ने अंदरूनी हिस्सों में घोसले बना लिए थे। ASI ने इसकी विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर मरम्मत का प्रस्ताव भेजा था, जिसे अब मंजूरी मिल गई है।
जीर्णोद्धार का दायरा: गुंबद से फर्श तक सुधार
80 लाख रुपये के बजट से मेहमानखाने के गुंबद की सीलन को ठीक किया जाएगा। दीवारों का टूटा प्लास्टर हटाकर नया प्लास्टर लगाया जाएगा। फर्श की मरम्मत के साथ-साथ कबूतरों से बचाव के लिए नए और मजबूत जाल लगाए जाएंगे। इस जीर्णोद्धार से इमारत की मूल मुगल शैली को संरक्षित करते हुए इसे पर्यटकों के लिए आकर्षक बनाया जाएगा। यह काम ताजमहल की विश्व धरोहर की गरिमा को बनाए रखने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।