आगरा/यूपी: उत्तर प्रदेश के आगरा में स्पेशल टास्क फोर्स (STF) और औषधि विभाग ने नकली दवाओं के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए ढाई करोड़ रुपये की नकली दवाएं जब्त की हैं। इस कार्रवाई के दौरान हेमा मेडिको के मालिक हिमांशु अग्रवाल को एक करोड़ रुपये की रिश्वत देते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया। यह कार्रवाई फव्वारा स्थित बंसल मेडिकल एजेंसी और हेमा मेडिकल स्टोर के साथ-साथ चार गोदामों पर की गई।
छापेमारी में मिलीं नकली दवाएं
एसटीएफ और औषधि विभाग की संयुक्त टीम ने शुक्रवार को शुरू हुई इस कार्रवाई में हेमा मेडिको और इसके गोदाम से 2.43 करोड़ रुपये की नकली दवाएं बरामद कीं। इसके अतिरिक्त, शुक्रवार को 80 लाख रुपये की दवाएं भी जब्त की गई थीं। जांच में पाया गया कि ये दवाएं आगरा कैंट से गोदाम ले जाई जा रही थीं, जिन्हें मुखबिर की सूचना पर लोडिंग वाहन से पकड़ा गया।
जब्त दवाओं में ग्लेनमार्क, जायडस, सन फार्मा और सनोफी जैसी नामी कंपनियों के नकली उत्पाद शामिल हैं, जिनमें एलेग्रा 120 मिलीग्राम की 2.97 लाख टैबलेट भी बरामद की गईं। इन दवाओं की जांच के लिए 14 सैंपल प्रयोगशाला में भेजे गए हैं।
रिश्वत की कोशिश नाकाम
कार्रवाई को रोकने के लिए हेमा मेडिकल स्टोर के संचालक हिमांशु अग्रवाल ने एसटीएफ निरीक्षक यतेंद्र शर्मा और सहायक आयुक्त औषधि बस्ती नरेश मोहन को एक करोड़ रुपये की रिश्वत देने की कोशिश की। हिमांशु ने 500-500 रुपये के नोटों से भरा बैग लेकर पहुंचकर रकम को दोगुना करने की पेशकश भी की, लेकिन टीम ने उसे रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। हिमांशु के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है, और देर रात तक तीन अन्य केस भी दर्ज किए गए।
दो सप्ताह की रेकी के बाद कार्रवाई
एसटीएफ को पिछले दो सप्ताह से नकली दवाओं की कालाबाजारी की शिकायत मिल रही थी। इस दौरान बंसल मेडिकल एजेंसी और हेमा मेडिकल स्टोर की रेकी की गई। दवा कंपनी के प्रतिनिधियों ने मरीज बनकर इन स्टोरों से दवाएं खरीदीं, जिसके बाद नकली दवाओं की पुष्टि होने पर छापेमारी की गई। जांच में पाया गया कि जब्त दवाओं के बदले केवल 10 लाख रुपये का बिल मिला, जो चेन्नई से लखनऊ की एक पार्टी के नाम पर काटा गया था।
आगे की जांच जारी
एसटीएफ और औषधि विभाग की टीमें रविवार को दो अन्य गोदामों और स्टोरों पर जांच करेंगी। जब्त दवाओं की गुणवत्ता की जांच के लिए भेजे गए सैंपल की रिपोर्ट का इंतजार है, जिससे यह स्पष्ट होगा कि ये दवाएं पूरी तरह नकली हैं या नहीं। इस कार्रवाई ने आगरा में नकली दवाओं के गोरखधंधे पर बड़ा प्रहार किया है, और अधिकारियों ने इस रैकेट के अन्य सदस्यों की तलाश तेज कर दी है।