आगरा: केंद्रीय हिंदी संस्थान के निदेशक डॉ. सुनील बाबू कुलकर्णी एक सोची-समझी साइबर ठगी का शिकार हो गए। ठगों ने फर्जी आरटीओ चालान मैसेज के बहाने उनके मोबाइल को हैक कर UPI ट्रांजेक्शन के जरिए उनके बैंक खाते से ₹3.02 लाख निकाल लिए। यह घटना डिजिटल धोखाधड़ी के बढ़ते खतरे को उजागर करती है, खासकर तब जब पीड़ित खुद तकनीक से परिचित हैं।

फर्जी मैसेज से शुरू हुई ठगी की साजिश

डॉ. कुलकर्णी को उनके मोबाइल पर एक एसएमएस मिला, जिसमें उनकी कार के नंबर का जिक्र करते हुए बताया गया कि महाराष्ट्र में चालान कट गया है। मैसेज में एक लिंक था, जिसे आरटीओ पोर्टल से जुड़ा बताया गया। जिज्ञासावश लिंक पर क्लिक करने के साथ ही उनका मोबाइल हैक हो गया। हैकर्स ने तुरंत UPI ऐप का दुरुपयोग कर सात लगातार ट्रांजेक्शन किए:

  • पहला ट्रांजेक्शन: ₹49,000
  • बाकी छह ट्रांजेक्शन: कुल ₹3.02 लाख

ठग इतने तेज थे कि डॉ. कुलकर्णी को समझ पाने का मौका ही नहीं मिला। यह मामला दिखाता है कि साइबर अपराधी अब सरकारी संस्थाओं के नाम का फायदा उठाकर लक्षित हमले कर रहे हैं।

तुरंत कार्रवाई: खाता ब्लॉक और FIR दर्ज

जैसे ही ट्रांजेक्शन का पैटर्न नजर आया, डॉ. कुलकर्णी ने बैंक से संपर्क कर अपना खाता तत्काल ब्लॉक करा लिया। बैंक अधिकारियों ने उन्हें साइबर सेल में शिकायत दर्ज कराने की सलाह दी। उन्होंने न्यू आगरा थाने की साइबर शाखा में FIR दर्ज कराई है। प्रारंभिक जांच में पुलिस को पता चला कि रकम झारखंड के मिथलेश मंडल के बैंक खाते में ट्रांसफर हुई, जिसके नाम से एक कार की EMI भरी गई और कुछ हिस्सा गोल्ड इनवेस्टमेंट में लगाया गया। साइबर सेल अब आरोपी के बैंक अकाउंट, मोबाइल लोकेशन और डिजिटल फुटप्रिंट की गहन जांच कर रही है।

पीड़ित की अपील: सतर्क रहें, लिंक पर न क्लिक करें

डॉ. कुलकर्णी ने अपनी आपबीती साझा करते हुए कहा, “मुझे भी अंदाजा नहीं था कि इतनी प्रोफेशनल ठगी हो सकती है। मैं तकनीक से परिचित हूं, लेकिन यह साफ-सुथरी चालाकी ने मुझे भ्रमित कर दिया।” उन्होंने आम जनता से अपील की कि अनजान लिंक, मैसेज या कॉल से बचें। खासकर वाहन चालान या सरकारी नोटिफिकेशन से जुड़े लिंक पर क्लिक न करें।

डीसीपी सिटी सोनम कुमार ने कहा, “यह मामला गंभीर है। हम तकनीकी स्तर पर पूरी जांच कर रहे हैं। नागरिकों से अनुरोध है कि संदिग्ध लिंक पर क्लिक न करें। बैंक या सरकारी एजेंसियां कभी ऑनलाइन पर्सनल डिटेल्स नहीं मांगतीं। किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत साइबर सेल को सूचना दें।”

संस्थान का संक्षिप्त परिचय

केंद्रीय हिंदी संस्थान आगरा में स्थित एक प्रतिष्ठित संस्था है, जो शिक्षा मंत्रालय के अधीन हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार, प्रशिक्षण और अनुसंधान का कार्य करती है। डॉ. सुनील बाबू कुलकर्णी (पूर्ण नाम: प्रो. सुनील बाबूराव कुलकर्णी) इसके वर्तमान निदेशक हैं। महाराष्ट्र के जालना जिले से ताल्लुक रखने वाले डॉ. कुलकर्णी एमए, एमफिल और पीएचडी धारक हैं। हाल ही में संस्थान को डीम्ड यूनिवर्सिटी का दर्जा मिला है, जिससे पीएचडी, एमफिल और डीलिट जैसे कोर्स शुरू हो सके।

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