आगरा। उत्तर प्रदेश के आगरा में एक ऐसी त्रासदी घटी, जिसने हर किसी के रोंगटे खड़े कर दिए। मलपुरा थाने में तैनात 29 वर्षीय सिपाही निखिल मोतला की सुबह की रूटीन मौत में बदल गई। नहाने के लिए बाल्टी में इमर्शन रॉड से पानी गर्म करने के दौरान करंट की चपेट में आने से उनकी जान चली गई।
घटना इतनी भयावह थी कि उनके दोस्त को उन्हें बचाने की कोशिश में झटका लगा, लेकिन सौभाग्य से वे बच निकले। यह हादसा न केवल एक परिवार को शोक में डुबो गया, बल्कि घर-घर इस्तेमाल होने वाले इस ‘सुविधाजनक’ उपकरण की खतरों को भी उजागर कर गया।
घटना की पूरी कहानी: एक सामान्य सुबह जो बन गई काल
मूल रूप से मेरठ जिले के दादरी सकौती गांव के निवासी निखिल मोतला 2021 बैच के आरक्षी थे। वे आगरा के केसीआर कॉलोनी, बमरौली रोड स्थित किराए के मकान में अपने दोस्त और साथी सिपाही आशीष के साथ रहते थे। बृहस्पतिवार सुबह ड्यूटी के लिए तैयार होने के क्रम में निखिल ने बाथरूम में बाल्टी में पानी भरकर इमर्शन रॉड चालू कर दी। रॉड लगाकर वे बाहर आ गए और अन्य काम निपटा रहे थे। थोड़ी देर बाद नहाने के लिए वापस लौटे, लेकिन जैसे ही वे पानी में हाथ डालने लगे, करंट ने उन्हें जकड़ लिया।
करीब 10-15 मिनट तक जब निखिल बाहर नहीं निकले, तो आशीष को चिंता हुई। उन्होंने दरवाजा खटखटाया, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। अंदर झांकते ही भयानक दृश्य दिखा—दरवाजा खुला था, निखिल जमीन पर गिरे पड़े थे, और उनका एक हाथ अभी भी करंटग्रस्त बाल्टी में अटका हुआ था। आशीष ने उन्हें छूने की कोशिश की, लेकिन तुरंत ही उन्हें भी बिजली का झटका लगा। किसी तरह संभलते हुए उन्होंने रॉड का स्विच ऑफ किया, निखिल को बाहर निकाला और नजदीकी अस्पताल पहुंचाया। वहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में करंट लगने को मौत का कारण बताया गया है।
अधूरा सपना: डेढ़ साल पहले हुई थी शादी, परिवार में सन्नाटा
निखिल की शादी को महज डेढ़ साल ही हुआ था। वे एक खुशहाल दांपत्य जीवन जी रहे थे, और परिवार को उम्मीद थी कि आने वाले दिनों में और खुशियां जुड़ेंगी। उनकी अचानक मौत ने मेरठ के सकौती गांव में शोक की लहर दौड़ा दी। पत्नी, माता-पिता और भाई-बहनों का रो-रोकर बुरा हाल है। आगरा पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया, और थाना मलपुरा पर अंतिम संस्कार की व्यवस्था की गई। एसएसपी डॉ. सुनील कुमार ने बताया कि विभाग निखिल के परिवार को हर संभव सहायता प्रदान करेगा, जिसमें आर्थिक मदद भी शामिल है।
यह घटना न केवल पुलिस महकबे के लिए क्षति है, बल्कि एक युवा की महत्वाकांक्षाओं का अंत भी है। निखिल जैसे समर्पित सिपाही समाज की रक्षा के लिए दिन-रात मेहनत करते हैं, लेकिन कभी-कभी घरेलू लापरवाही ही उनकी जान ले लेती है। उनके परिवार के प्रति हमारी गहरी संवेदना। भगवान उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें और परिजनों को इस दुख को सहने की शक्ति दें। 😢
सबक जो जीवन रक्षा कर सकता है: इमर्शन रॉड के सुरक्षित उपयोग के टिप्स
सर्दियों में इमर्शन रॉड का इस्तेमाल आम है, लेकिन यह ‘मौत का जाल’ भी बन सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार, हर साल भारत में सैकड़ों ऐसी दुर्घटनाएं होती हैं, जिनमें करंट लगने से जान जाती है। निखिल की मौत हमें सतर्क करती है। यहां कुछ जरूरी सलाहें:

इन छोटी-छोटी सावधानियों से आप और आपके अपनों की जान बचा सकते हैं। अगर आपको भी घर में इमर्शन रॉड है, तो आज ही इन नियमों को अपनाएं। याद रखें, सुविधा जीवन से ज्यादा कीमती नहीं।
रिपोर्ट – विकास भारद्वाज





