आगरा: आगरा कॉलेज, आगरा के प्राचार्य पद पर प्रो. सीके गौतम की नियुक्ति को लेकर उठाये गये सवालों को इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया है। हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी की एकलपीठ ने डॉ. सी. के. गौतम की नियुक्ति को पूर्णतः वैध ठहराते हुए डॉ. अनुराग शुक्ल की रिट याचिका को खारिज कर दिया। न्यायालय ने स्पष्ट कहा कि असफल उम्मीदवार को चयनित उम्मीदवार की नियुक्ति को चुनौती देने का कोई वैधानिक अधिकार नहीं है। इस निर्णय के साथ कॉलेज प्राचार्य पद से जुड़ा कानूनी विवाद समाप्त हो गया है।

बता दें कि आगरा कॉलेज, आगरा के प्राचार्य पद के लिए पहले डॉ. अनुराग शुक्ल का चयन हुआ था, लेकिन जांच के दौरान उनके शैक्षिक अभिलेखों में फर्जी दस्तावेज़ पाए जाने पर उनकी नियुक्ति निरस्त कर दी गई थी। इस निरस्तीकरण को याची ने पहले भी अदालत में चुनौती दी थी, परंतु इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने शासन की कार्यवाही को सही ठहराया था।

डॉ. गौतम की नियुक्ति को दी थी चुनौती

डॊ. अनुराग शुक्ल की प्राचार्य पद से बर्खास्तगी के बाद यह पद खाली हो गया था। उच्च शिक्षा चयन आयोग ने चयन प्रक्रिया के पुनर्मूल्यांकन के दौरान डॉ. सी. के. गौतम का एपीआई स्कोर 500 से अधिक पाया था, जिसके आधार पर उन्हें आगरा कॊलेज का प्राचार्य नियुक्त किया गया था। प्रो. गौतम की इस पद पर नियुक्ति को लेकर डॉ. अनुराग शुक्ल ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी, जिसमें उन्होंने चयन प्रक्रिया और एपीआई मूल्यांकन की वैधता पर सवाल उठाए और इस नियुक्ति को चुनौती दी।

हाईकोर्ट ने डॊ. अनुराग शुक्ल पर की तल्ख टिप्पणी

उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी ने कहा कि डॉ. अनुराग शुक्ल वर्तमान में असफल उम्मीदवार हैं, इसलिए उन्हें चयनित उम्मीदवार की नियुक्ति को चुनौती देने का कानूनी अधिकार प्राप्त नहीं है। पीठ ने कहा कि याची डॊ. शुक्ल यह प्रमाणित नहीं कर सके कि डॉ. गौतम का एपीआई स्कोर 500 से कम था या गलत तरीके से निर्धारित किया गया। कोर्ट ने कहा कि चयन समिति को सक्षम प्राधिकारी द्वारा विधिवत गठित किया गया था और एपीआई पुनर्विचार की प्रक्रिया पूर्णतः कानून सम्मत पाई गई।

सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व निर्णयों का हवाला देते हुए न्यायमूर्ति शमशेरी ने कहा कि असफल उम्मीदवार की इस प्रकार की चुनौती अमान्य है।उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में स्पष्ट किया कि याची की याचिका रक्षणीय नहीं है और इसलिए इसे पूर्णतः खारिज किया जाता है।

हाईकोर्ट के इस निर्णय से आगरा कॉलेज में प्राचार्य पद पर डॉ. सीके गौतम की नियुक्ति को वैधानिक पुष्टि मिल गई है। वहीं, डॉ. अनुराग शुक्ल की ओर से नियुक्ति पर उठाई गई आपत्तियों को न्यायालय ने कानूनी दृष्टि से आधारहीन करार दिया है। यह फैसला आगरा कॉलेज प्रशासन और उच्च शिक्षा जगत के लिए एक निर्णायक राहत लेकर आया है।

बता दें कि प्रिंसिपल पद से बर्खास्त होने के बाद से ही डॊ. अनुराग शुक्ला ने प्रो. सीके गौतम के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। अपनी बर्खास्तगी को लेकर उन्होंने हाईकोर्ट में दो याचिकाएं लगाई थीं और दोनों ही याचिकाओं में प्रो. सीके गौतम को भी प्रतिवादी बनाया था। ये दोनों ही याचिकाएं पहले ही हाईकोर्ट द्वारा खारिज की जा चुकी हैं। इसके बाद डॊ. शुक्ल ने प्रो. गौतम की नियुक्ति को चुनौती देते हुए याचिका दाखिल की, जो कि अब खारिज हो चुकी है।

हाईकोर्ट के स्तर पर ही नहीं, डॊ. अनुराग शुक्ला ने पुलिस के स्तर पर भी प्रो. गौतम को घेरने की कोशिश के तहत आगरा में उनके खिलाफ याचिका में वर्णित तथ्यों के साथ ही उन पर जाति छिपाने का आरोप लगाते हुए रिपोर्ट लिखाई थी, जिसकी जांच चल रही है।

error: Content is protected !!
Exit mobile version