आगरा।  सिकंदरा थाना क्षेत्र में एक बड़ा फ्रेंचाइजी ठगी कांड उजागर हुआ है। स्थानीय निवासी रामसिंह ने रसना ग्रुप के नाम पर 10 लाख से अधिक रुपये की धोखाधड़ी का आरोप लगाया है। पीड़ित की शिकायत के आधार पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। मामला सामने आने के बाद इलाके में खलबली  है।

फ़ेसबुक विज्ञापन से शुरू हुआ फ्रॉड

पीड़ित रामसिंह के अनुसार यह ठगी जून 2020 से शुरू हुई। उन्होंने फेसबुक पर रसना फ्रेंचाइजी का एक ऑनलाइन विज्ञापन देखकर फॉर्म भरा। कुछ दिनों बाद उमंग गुप्ता, उसकी पत्नी नेहा गुप्ता, आयुष अग्रवाल और श्रीकांत वर्मा आगरा पहुंचे। चारों ने खुद को ‘रसना ग्रुप का मालिक व प्रतिनिधि’ बताकर आगरा में फ्रेंचाइजी देने का दावा किया। भरोसा बढ़ाने के लिए उन्हें डेली नीड्स, सदर बाजार के कुमार सागर से भी मिलवाया गया। कुमार सागर ने खुद को उमंग गुप्ता का जीजा बताते हुए इन पर विश्वास करने की सलाह दी।

अलग-अलग तरीकों से हथिया लिए ₹10,36,000

आरोपियों ने विभिन्न तर्कों से पीड़ित को कई बार पैसे जमा कराने को कहा। 05 अगस्त 2020 को पीड़ित ने पहली किस्त के रूप में ₹2,36,000 बताए गए बैंक खाते में जमा किए। 05 अक्टूबर 2020 को दिल्ली बुलाकर एक अन्य कंपनी के खाते में ₹1,00,000 जमा कराए। इसी दिन कथित वाइस प्रेसीडेंट राहुल शर्मा और डायरेक्टर सोनिया चौधरी ने “जीएसटी बचत” के नाम पर ₹7,00,000 नकद मांग लिए, जो पीड़ित ने चेक से निकालकर दे दिए। इतनी बड़ी रकम लेने के बाद भी न तो कोई फ्रेंचाइजी दी गई और न ही कोई असली दस्तावेज। फर्जी एग्रीमेंट बनाकर पीड़ित को गुमराह किया गया और रकम मांगने पर धमकी भी दी गई।

एफआईआर दर्ज, पुलिस जुटा रही साक्ष्य

रामसिंह की तहरीर पर सिकंदरा थाना पुलिस ने दंपति सहित कुल छह आरोपियों पर गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है। उमंग गुप्ता, नेहा गुप्ता, आयुष अग्रवाल, श्रीकांत वर्मा, राहुल शर्मा (कथित वाइस प्रेसीडेंट, रसना ग्रुप) और सोनिया चौधरी (कथित डायरेक्टर, रसना ग्रुप) को नामजद किया गया है। पुलिस की टीम बैंक लेन-देन, मोबाइल कॉल डिटेल्स व फर्जी दस्तावेजों की जांच में जुटी है। प्रारंभिक जांच में यह पूरा मामला संगठित ठगी गिरोह का हिस्सा प्रतीत हो रहा है।

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