आगरा। त्योहार और सहालग के सीजन में मिलावट माफिया फिर सक्रिय हो गए हैं। खाद्य विभाग की टीम ने मंगलवार देर रात दो डेयरियों पर छापा मारकर करीब 5 क्विंटल नकली पनीर बरामद किया। यह पनीर पाम ऑयल और केमिकल से तैयार किया जा रहा था। मौके पर ही इसे नष्ट कराया गया और दो नमूने जांच के लिए भेजे गए। वहीं, कान्हा डेयरी का लाइसेंस निलंबित करने की संस्तुति की गई है। इससे पहले सोमवार को खेरागढ़ के बजरंग चिलर प्लांट से 5300 लीटर नकली दूध पकड़ा गया था।
कैसे पकड़ा गया नकली पनीर
सहायक आयुक्त (खाद्य) एस.एस.एच. आब्दी ने बताया कि मुखबिर से सूचना मिली थी कि खेरागढ़ से नकली पनीर की खेप फतेहाबाद रोड लाई जा रही है। मंगलवार रात करीब 2 बजे टीम ने एक लोडर को रोका, जिसमें ड्रमों में भरा पनीर पाया गया। पनीर में मच्छर-मक्खियाँ और कीड़े मिले और प्रारंभिक जांच में यह नकली पाया गया। वाहन चालक ने बताया कि यह खेप खेरागढ़ बिरहरू नगला धनिया स्थित कान्हा डेयरी से लाई गई थी।
कान्हा डेयरी और राठौर डेयरी पर कार्रवाई
कान्हा डेयरी के संचालक सुनील कुमार ने स्वीकार किया कि वह सपरेटा दूध, पाम ऑयल और केमिकल से नकली पनीर तैयार कर विभिन्न डेयरियों को बेचता था। उसने बताया कि वह फतेहाबाद रोड ताजगंज हज्जुपुरा निवासी नरेंद्र राठौर को भी सप्लाई करता था।
टीम ने उसी रात नरेंद्र राठौर की दुकान पर छापा मारा, जहाँ 90 किलो नकली पनीर मिला।
सारा माल नष्ट कराया गया और कान्हा डेयरी के लाइसेंस को निलंबन के लिए सिफारिश भेजी गई है।
150 रुपये में तैयार, 350 रुपये किलो में बिकता नकली पनीर
जांच में पता चला कि आरोपी 150 रुपये प्रति किलो की लागत से नकली पनीर बनाते थे और डेयरियों को 220 रुपये किलो में बेचते थे।
बाद में वही डेयरियां इसे 320–350 रुपये किलो तक में ग्राहकों को बेचती थीं।
5 घंटे में तैयार हो जाता था नकली पनीर
सहायक आयुक्त ने बताया कि सहालग के मौसम में मांग बढ़ने के कारण माफिया ऑर्डर मिलने के पांच घंटे के भीतर नकली पनीर बनाकर सप्लाई कर देते थे। डेयरी संचालक ने स्वीकार किया कि वह “ऑन डिमांड पनीर” भी तैयार करता था।
असली और नकली पनीर पहचानने के 4 आसान तरीके
-
हाथ से मसलें: यदि पनीर टूटकर बिखरने लगे, तो वह नकली हो सकता है।
-
खुशबू सूंघें: असली पनीर में दूध की खुशबू आती है; नकली में नहीं।
-
उबालकर टेस्ट करें: पनीर उबालकर ठंडा करें और अरहर/सोयाबीन पाउडर डालें — यदि हल्का लाल रंग बने तो उसमें डिटर्जेंट हो सकता है।
-
आयोडीन टेस्ट: आयोडीन की कुछ बूंदें डालें — रंग नीला या काला हो जाए तो उसमें स्टार्च की मिलावट है।
स्वास्थ्य पर असर
सीएमओ डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि नकली खाद्य पदार्थों के सेवन से फूड पॉयजनिंग, अल्सर, लिवर-किडनी डैमेज, मधुमेह, कोलेस्ट्रॉल और कैंसर जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। बच्चों के शारीरिक विकास पर भी इसका गंभीर प्रभाव पड़ता है।
कानूनी प्रावधान
अधिवक्ता हेमंत चाहर ने बताया कि
-
भारतीय न्याय संहिता 2023 (BNS) की धारा 274 के तहत खाद्य पदार्थ में मिलावट करने पर 6 साल तक की जेल और ₹1 लाख जुर्माना हो सकता है।
-
यदि इससे किसी की सेहत को नुकसान पहुंचे तो धारा 275 के तहत 10 साल की सजा, और मौत होने पर आजीवन कारावास (धारा 276) का प्रावधान है।
-
खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम, 2006 (FSSA) की धारा 59 के तहत भी 3 महीने से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा का प्रावधान है।






