आगरा। उत्तर प्रदेश के आगरा में दो सगी बहनों के जबरन धर्मांतरण के मामले ने अब राष्ट्रीय सुरक्षा के गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। पुलिस जांच में गिरोह के कथित सरगना अब्दुल रहमान के झारखंड में पकड़े गए चार आतंकियों से सीधे संपर्क का पता चला है। इससे भी चौंकाने वाली बात यह है कि पूछताछ में अब्दुल रहमान ने 2008 के 26/11 मुंबई आतंकी हमलों की पूर्व जानकारी होने का इशारा दिया। आगरा पुलिस कमिश्नर दीपक कुमार ने बताया कि यह खुलासा इतना गंभीर है कि भारतीय खुफिया एजेंसी (आईबी) ने तत्काल अपनी जांच तेज कर दी है।
झारखंड आतंकियों से अब्दुल रहमान का कनेक्शन: धर्मांतरण मामले में आतंकवाद की धारा जोड़ने की तैयारी
आगरा पुलिस द्वारा धर्मांतरण के आरोपियों के मोबाइल डेटा की जांच के दौरान यह लिंक सामने आया। अप्रैल 2025 में झारखंड एटीएस ने प्रतिबंधित आतंकी संगठन हिज्ब उत तहरीर (HuT) के चार सदस्यों—अयान जावेद, उनकी पत्नी शबनम परवीन, मोहम्मद शहजाद आलम और फैयाज हुसैन—को धनबाद के वासेपुर से गिरफ्तार किया था। ये आतंकी खलीफा स्थापित करने की साजिश रच रहे थे और आईएसआईएस-स्टाइल कट्टरपंथी प्रचार फैला रहे थे।
पुलिस को अब्दुल रहमान के फोन रिकॉर्ड्स में इन आतंकियों के नंबर मिले, जो साफ इशारा करते हैं कि धर्मांतरण नेटवर्क के पीछे बड़ा आतंकी मॉड्यूल काम कर रहा था। कमिश्नर दीपक कुमार ने कहा, “हम इन संपर्कों के आधार पर मामले में आतंकवाद से जुड़ी धारा 113 बीएनएस (भारतीय न्याय संहिता) जोड़ने की तैयारी कर रहे हैं। लेकिन पहले पुख्ता सबूत जुटाए जा रहे हैं।” जांच में HuT के अलावा लश्कर-ए-तैयबा (LeT) और पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) जैसे संगठनों के फंडिंग चैनल्स का भी जिक्र आया है, जो यूएई, कनाडा और लंदन के रास्ते भारत पहुंच रहे थे।
26/11 मुंबई हमले की पूर्व जानकारी: आईबी की जांच में नए सिरे
सबसे सनसनीखेज खुलासा तो अब्दुल रहमान की पूछताछ से हुआ। आगरा पुलिस कमिश्नर ने बताया कि अब्दुल रहमान ने कबूल किया कि उसे 26 नवंबर 2008 के मुंबई हमलों की पहले से जानकारी थी। हमलों में 166 लोग मारे गए थे, जिनमें 26 विदेशी शामिल थे। लश्कर-ए-तैयबा के 10 पाकिस्तानी आतंकियों ने ताज होटल, ओबेरॉय ट्राइडेंट, छत्रपति शिवाजी टर्मिनस और नरीमन हाउस पर हमला किया था।
कमिश्नर दीपक कुमार ने कहा, “पूछताछ में 26/11 से जुड़ी पूर्व जानकारी का पहलू सामने आते ही सभी स्तब्ध रह गए। यह स्पष्ट नहीं कि वह सक्रिय रूप से शामिल था, लेकिन जानकारी होना गंभीर है।” आईबी ने अब्दुल रहमान के बयान दर्ज किए हैं और अब फोकस इस पर है:
जानकारी कहां से और किस चैनल से मिली?
क्या वह किसी आतंकी मॉड्यूल का हिस्सा था?
2008 में उसके संपर्क और गतिविधियां किन इलाकों तक फैली हुई थीं?
आगरा पुलिस ने इसकी जानकारी मुंबई पुलिस को भेज दी है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह खुलासा 26/11 केस को नई दिशा दे सकता है, जहां अभी भी हाफिज सईद और अब्दुल रहमान मक्की जैसे मास्टरमाइंड्स फरार हैं। (नोट: अब्दुल रहमान मक्की, LeT का डिप्टी चीफ, 2024 में हार्ट अटैक से मरा था।)
मुंबई कनेक्शन: लंबे समय तक वहीं रहा, वहीं बदला धर्म
अब्दुल रहमान मूल रूप से फिरोजाबाद जिले के रजावली गांव का निवासी है। करीब 35 साल पहले वह घर छोड़कर कन्नौज गया, फिर मुंबई पहुंचा। मुंबई में ही उसने धर्मांतरण कर इस्लाम कबूल किया। 26/11 हमलों के समय भी वह मुंबई में था। वर्तमान में उसका ठिकाना दिल्ली बताया जा रहा है।
रिमांड के दौरान पुलिस ने उसकी कॉल डिटेल्स, लोकेशन हिस्ट्री, फाइनेंशियल ट्रेल्स और डिजिटल फुटप्रिंट्स की जांच की। अब सवाल यह है कि 26/11 की जानकारी सिर्फ दावा था या इसके पीछे कोई ठोस स्रोत? एजेंसियां उसके मुंबई के पुराने संपर्कों की सूक्ष्म जांच कर रही हैं।
आगरा केस का बैकग्राउंड: दो सगी बहनों का धर्मांतरण, बड़ा नेटवर्क
यह मामला 24 मार्च 2025 को शुरू हुआ जब आगरा में एक पिता ने अपनी दो सगी बेटियों के लापता होने की शिकायत दर्ज की। जांच में पता चला कि अब्दुल रहमान के गिरोह ने सोशल मीडिया के जरिए लड़कियों को फंसाया, ब्लैकमेल किया और दिल्ली के शाहीन बाग हॉस्टल में कैद रखा। गिरोह का टारगेट मध्यमवर्गीय, शिक्षित हिंदू लड़कियां थीं।
गिरोह के 10 सदस्य गिरफ्तार हो चुके हैं, जिनमें आयशा (पूर्व में एसबी कृष्णा) और जुनैद कुरैशी शामिल हैं। एक बचाई गई दलित लड़की ने बताया कि जेल में उम्रकैद काट रहे मौलाना कलीम सिद्दीकी भी ऑपरेशन चला रहे थे। “ऑपरेशन अस्मिता” के तहत यह नेटवर्क उजागर हुआ, जो ISIS-स्टाइल रैडिकलाइजेशन पर आधारित था।
जांच का दायरा बढ़ा: पैन-इंडिया साजिश?
आईबी और यूपी पुलिस की संयुक्त जांच अब पूरे सिंडिकेट के लिंक्स पर फोकस कर रही है। HuT को अक्टूबर 2024 में भारत ने UAPA के तहत प्रतिबंधित किया था। विशेषज्ञों का कहना है कि यह “गजवा-ए-हिंद” जैसी साजिश का हिस्सा हो सकता है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में यूपी पुलिस सख्ती बरत रही है, लेकिन राष्ट्रीय स्तर पर अलर्ट जारी किया गया है।
यह मामला न सिर्फ धर्मांतरण, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा का सवाल बन चुका है। क्या अब्दुल रहमान जैसे तत्वों के नेटवर्क को तोड़ने के लिए कड़े कदम उठेंगे? आने वाले दिनों में और खुलासे हो सकते हैं।