आगरा। शहर के सिकंदरा थाना क्षेत्र में एक बार फिर अवैध ईंटों से भरे ट्रैक्टर ट्रॉली की लापरवाही ने एक युवा जिंदगी को लील लिया। मथुरा से आगरा की ओर आ रहा एक ओवरलोड ट्रैक्टर ट्रॉली अकबरा रोड पर साइड में खड़े 18 वर्षीय बाइक सवार युवक नगला नाथूर निवासी को रौंदते हुए चला गया। हादसा शाम 6:30 बजे के आसपास हुआ, जब युवक सड़क किनारे खड़ा था। घटना की सूचना मिलते ही इलाके में सनसनी फैल गई और परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया।
थाना सिकंदरा पुलिस के अनुसार, मृतक का नाम अभी स्पष्ट नहीं किया गया है, लेकिन वह नगला नाथूर का निवासी था। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। हादसे के बाद पुलिस ने एक अवैध ट्रैक्टर को अपनी कस्टडी में ले लिया, जबकि दूसरे ट्रैक्टर को आक्रोशित ग्रामीणों ने पकड़ लिया और उसे पुलिस के हवाले करने की तैयारी में हैं। फिलहाल, चालकों के खिलाफ लापरवाही से मौत का मामला दर्ज किया गया है, लेकिन ठेकेदारों और अवैध मंडी संचालकों पर कोई सख्त कार्रवाई नजर नहीं आ रही।
यह हादसा कोई पहला मामला नहीं है…….
आगरा के सिकंदरा क्षेत्र में अवैध ईंट मंडियां फल-फूल रही हैं, और इनसे लदे ओवरलोड ट्रैक्टर-ट्रॉलियां सड़कों पर मौत का तांडव मचा रही हैं। थाना सिकंदरा के अंतर्गत इनफैक्ट्री चौकी क्षेत्र में ही ऐसी कई घटनाएं पूर्व में हो चुकी हैं। सूत्रों के मुताबिक, अरतोनी पुल के नीचे सिकंदरा-मथुरा रोड पर, बोदला सिकंदरा मार्ग पर बोदला ईंट मंडी, बिचपुरी- कलवारी-पैथोली मार्ग, रोहता ईंट मंडी, धनौली ईंट मंडी, टेडी बगिया ईंट मंडी, रायभा ईंट मंडी, अछनेरा ईंट मंडी और फतेहपुर सीकरी ईंट मंडी जैसी अवैध इकाइयां बेखौफ होकर संचालित हो रही हैं। इन मंडियों से निकलने वाले ट्रैक्टर नो-एंट्री जोन में भी घुस जाते हैं, और हर चौराहे पर तैनात पुलिसकर्मियों की नजरों के बावजूद बच निकलते हैं।
पुलिस की साठगांठ पर गंभीर सवाल…
पूर्व में भी सिकंदरा-बोदला मार्ग पर एक स्कूल बस से भरी अवैध ईंट ट्रैक्टर की टक्कर में कई बच्चे घायल हो चुके थे। इसी तरह, रोहता और धनौली क्षेत्रों में कई लोगों ने अपनी जान गंवाई है। बावजूद इसके, आगरा पुलिस प्रशासन ने इन अवैध मंडियों के खिलाफ कोई स्थायी अभियान नहीं चलाया। पूर्व आईपीएस अमित पाठक ने एक समय अवैध ईंट ट्रांसपोर्ट के खिलाफ सख्त अभियान चलाया था, जिसमें कई वाहन जब्त हुए थे। लेकिन उनके बाद की कार्रवाइयां खानापूर्ति तक सीमित रह गईं। क्या ठेकेदारों और पुलिस के बीच साठगांठ है? चंद सिक्कों की खनक से ये हादसे ठंडे बस्ते में डाल दिए जाते हैं? देखकर भी अनदेखी करने वाली थाना सिकंदरा पुलिस आखिर हादसे का इंतजार ही क्यों करती है?
परिजनों का आरोप है कि युवक की मौत के पीछे न केवल ट्रैक्टर चालक की लापरवाही, बल्कि पूरे प्रशासनिक तंत्र की नाकामी है। मृतक के भाई ने रोते हुए कहा, “हमारा भाई सड़क किनारे खड़ा था, लेकिन ये ओवरलोड ट्रैक्टर राक्षस की तरह दौड़ रहा था। पुलिस को पता है कि ये अवैध लोडिंग है, फिर भी कार्रवाई क्यों नहीं?” घर में चीख-पुकार मच गई है, और ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि अगर दोषियों पर सख्त कार्रवाई न हुई तो वे सड़क जाम कर देंगे।
बड़ा सवाल पुलिस कमिश्नर से…
आगरा के पुलिस कमिश्नर दीपक कुमार से सवाल उठना लाजमी है। क्या अवैध ईंट मंडियों के खिलाफ अब कोई ठोस एक्शन लिया जाएगा? लापरवाह पुलिसकर्मियों पर विभागीय जांच होगी या ये मामला भी फाइलों में दफन हो जाएगा? जिला प्रशासन को चाहिए कि इन मंडियों पर तत्काल छापा मारे, वाहनों को जब्त करे और जिम्मेदारों को सलाखों के पीछे पहुंचाए। अन्यथा, अगला शिकार कौन होगा—किसी मासूम बच्चा या कोई और युवा? आगरा की सड़कें मौत की सवारी बन चुकी हैं, और समय आ गया है कि प्रशासन जागे, वरना जनाक्रोश और भड़क सकता है।
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