Mathura जनसुनवाई पोर्टल पर दर्ज शिकायत के बाद शिक्षा विभाग सक्रिय हो गया है। जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय, मथुरा द्वारा पुष्प नारायण एजुकेशनल इंस्टिट्यूट, जयगुरुदेव मंदिर के पीछे, सलेमपुर–मुकुंदपुर मार्ग स्थित विद्यालय को कारण बताओ नोटिस देकर जवाब तलब किया है। यह शिकायत भरतपुर गेट चौराहा निवासी हरिशंकर खंडेलवाल द्वारा 4 नवंबर 2025 को दर्ज कराई गई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि विद्यालय बिना किसी बोर्ड मान्यता के कक्षा 12 तक संचालित हो रहा है तथा अभिभावकों को ग़लत जानकारी देकर भ्रमित किया जा रहा है।

शिकायत पर संज्ञान लेते हुए जिला विद्यालय निरीक्षक ने जांच अधिकारी नियुक्त किए। जांच अधिकारी द्वारा 15 नवंबर 2025 को किए गए औचक निरीक्षण में कई गंभीर अनियमितताएँ उजागर हुईं। निरीक्षण में विद्यालय में नर्सरी से कक्षा 10 तक लगभग 60–70 छात्र अध्ययनरत मिले। अधिकांश शिक्षक प्रशिक्षित नहीं पाए गए तथा विद्यालय के पास केवल एनआईओएस बोर्ड से कक्षा 8 तक की पुरानी और 31 मार्च 2025 को समाप्त हो चुकी मान्यता का प्रमाण पत्र मिला।
जांच में यह भी पाया गया कि विद्यालय में एनआईओएस द्वारा निर्धारित पुस्तकों की जगह अन्य प्रकाशनों की किताबों से शिक्षण कराया जा रहा था। भवन सुरक्षा और मानक भी निर्धारित नियमों के विपरीत पाए गए। परिसर में अग्निशमन यंत्र तो मिला लेकिन उसका नवीनीकरण नहीं था। विद्यालय प्रबंधन द्वारा मौखिक रूप से यह स्वीकार भी किया गया कि संस्थान शहर के एक अन्य विद्यालय के माध्यम से छात्रों के सम्बद्धीकरण की प्रक्रिया कर रहा है और कक्षा 12 तक अध्ययन कराया जा रहा है।
जांच रिपोर्ट में स्पष्ट उल्लेख किया गया है कि विद्यालय बिना मान्यता संचालित हो रहा है और शिकायत में लगाए गए आरोप सही पाए गए हैं। इसी आधार पर जिला विद्यालय निरीक्षक ने संस्थान को निर्देशित किया है कि वह तत्काल गैर मान्यता प्राप्त कक्षाओं का संचालन बंद करे। यह भी चेतावनी दी गई है कि यदि पुनः निरीक्षण में विद्यालय नियमों का उल्लंघन करता पाया गया तो विभागीय और विधिक कार्रवाई की जाएगी जिसकी पूर्ण जिम्मेदारी संस्थान प्रबंधन की होगी।
इस कार्रवाई को शिक्षा विभाग द्वारा विद्यालयों में शिक्षण मानकों एवं कानूनी प्रावधानों को सुनिश्चित करने की दिशा में मजबूत कदम माना जा रहा है। साथ ही अभिभावकों से अपील की गई है कि वे किसी भी विद्यालय में प्रवेश से पूर्व उसकी मान्यता अवश्य जांच लें ताकि बच्चों के भविष्य से जुड़ी किसी भी प्रकार की समस्या उत्पन्न न हो।





